पिता को 19 साल बाद मिला न्याय, बेटियों की हत्या के आरोप में मिली थी सजा
बुधवार को इस मामले में कोर्ट ने असली आरोपियों को दोषी करार दिया और मौत की सजा सुनाई.
नई दिल्ली:
शाहजहांपुर के अवधेश सिंह को 19 साल बाद न्याय मिला. देर शाम जब वह घर पहुंचे तो दरवाजे पर उनकी पत्नी बेटियों की तस्वीर लिए खड़ी थीं. बेटियों की तस्वीर को देखकर दोनों पति-पत्नी के आंखों से आंसू झलक पड़े. अवधेश को उनकी तीन बेटियों को हत्या के आरोप में जेल भेज दिया गया था. इतने सालों में अवधेश का परिवार न्याय के लिए भटक रहा था. आखिरकार बुधवार को इस मामले में कोर्ट ने असली आरोपियों को दोषी करार दिया और मौत की सजा सुनाई.
यह दुर्लभ मामला अक्टूबर 2002 का है. 15 अक्टूबर की शाम अवधेश शाहजहांपुर स्थित अपने घर पर पशुओं को चारा डालने के बाद चारपाई पर सो गया था. इस दौरान दूसरी चारपाई पर उनकी बेटियां लेटी थीं. कुछ ही देर में अचानक कई बदमाश घर में घुसे। इसके बाद उन्होंने फायरिंग शुरू कर दी। अवधेश इस दौरान किसी तरह से बचते हुए, वहां से भाग गए, लेकिन बेटियों की जान नहीं बची.
इसके बाद अवधेश और उनके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट गया. अवधेश की तहरीर पर पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर ली है, लेकिन बेटियों की हत्या के आरोप में उन्हें हिरासत में ले लिया गया। करीब 10 दिन तक अवधेश को थाने में रखा गया. काफी मिन्नतें करने के बाद भी पुलिस ने बेटियों का आखिरी बार चेहरा तक देखने नहीं दिया. इसके बाद अवधेश को जेल भेज दिया गया.
अवधेश की पत्नी शशि का कहना है कि हमने लगातार लड़ाई लड़ी और आखिरकार हमें न्याय मिल ही गया. उनकी बेटियों की आत्मा को अब शांति मिल सकेगी। अडिशनल सेशन जज सिद्धार्थ कुमार वाघव ने अपना निर्णय सुनाते हुए तत्कालीन इंवेस्टिगेशन ऑफिसर (आईओ) होशियार सिंह और एक गवाह दिनेश कुमार के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया. उन पर गुनहगारों से मिली भगत और निर्दोष पिता को हत्या के झूठे आरोप में फंसाने का आरोप है.
आईओ ने गवाह के बयान के आधार पर ही अवधेश के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की. पुलिस अधिकारी के अनुसार बेटियों की हत्या के बाद अवधेश ने खुद अपना जुर्म स्वीकार कर लिया था. इसके पीछे गरीबी को कारण बताया गया था. आईओ ने मामले में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी.