.

लखनऊ एनकाउंटर: चश्मदीद सना खान के साथ रिक्रिएट हुआ क्राइम सीन, पत्नी कल्पना भी मौके पर पहुंची

यूपी पुलिस ने हत्या की गुत्थी को सुलझाने के लिए इस घटना की इकलौती चश्मदीद सना खान की मौजूदगी में क्राइम सीन रिक्रिएट करने का फैसला लिया है

News Nation Bureau
| Edited By :
02 Oct 2018, 11:30:11 PM (IST)

नई दिल्ली:

लखनऊ एनकाउंटर मामले में विवेक तिवारी की हत्या को लेकर कई सारे सवाल खड़े हो रहे हैं. यूपी पुलिस ने हत्या की गुत्थी को सुलझाने के लिए इस घटना की इकलौती चश्मदीद सना खान की मौजूदगी में क्राइम सीन रिक्रिएट करने का फैसला लिया है. बता दें लखनऊ IG सुजीत पांडे की मौजूदगी में पुलिस मर्डर मिस्ट्री को घटना स्थल पर रिक्रिएट कर रही है. पुलिस के साथ फोरेंसिक टीम भी मौके पर मौजूद है. सना खान और विवेक तिवारी की पत्नी कल्पना तिवारी भी घटना स्थल पर पहुंची गईं हैं. विवेक तिवारी के साथ घटना के वक्त कार में मौजूद रही सना की मौजूदगी में घटना दोहराई जा रही है. 

सना ने मीडिया को दिए अपने बयान में कहा है कि, 'पुलिस की जांच सही दिशा में जा रही है. वह पुलिस की जांच से संतुष्ट हैं. साथ ही सना ने बताया कि मुझ पर कोई दबाव नहीं है, पुलिस से मुझे पूरा सहयोग मिल रहा है. हां जब तक हत्यारे को सजा नहीं मिल जाती है तबतक थोड़ा डर रहेगा.'

और पढ़ें- लखनऊ एनकाउंटर: विवेक तिवारी हत्याकांड की कहानी, जानिए इकलौती चश्मदीद की ज़ुबानी

सना ने हत्या की घटना पर अपना बयान देते हुए कहा है कि पुलिसकर्मी कार को रोकना चाहता था लेकिन जब एक कांस्टेबल ने जबरन कार के अंदर बेंत घुसाने की कोशिश की तो विवेक सर ने गाड़ी रोकना मुनासिब नहीं समझा. जबकि पुलिस के मुताबिक उन्होंने अपनी आत्मरक्षा में गोली चलाई थी लेकिन इस घटना की इकलौती चश्मदीद सना खान जो विवेक तिवारी के साथ कार में मौजूद थी वह कुछ और ही कहानी बयान कर रही हैं.

उसने कहा, 'चूंकि तिवारी सर गाड़ी आगे बढ़ाना चाह रहे थे इसलिए बाइक गिर गई. एक पुलिसवाला दूसरे साइड खड़ा हो गया लेकिन सर ने जैसे गाड़ी आगे बढ़ाना चाहा तो दूसरा पुलिसवाला जो गाड़ी चला रहा था उसने अपनी बाइक खड़ी कर विवेक सर पर गोली चला दी. वो कुछ देर तक गाड़ी चलाते रहे लेकिन फिर गाड़ी सामने की दीवार से टकरा गई. उनके गले से ढेर सारा ख़ून निकल रहा था.' यह कहते-कहते सना का गला रुंध गया.

और पढ़ें- विवेक एनकाउंटर : अखिलेश यादव ने योगी पर किया वार, कहा- मुख्यमंत्री कहते हैं ठोक दो और..

उसने आगे बताया कि उस दिन वह अपना सेल फोन लेकर नहीं आयी थी और विवेक तिवारी का फोन भी लॉक था. सना ने कहा, 'मैं नीचे उतरी, मैं रो रही थी लोगों से मदद के लिए भी चिल्लायी. कुछ ट्रक रोड किनारे लगा हुआ था. मैं ट्रक ड्राइवर के पास गई और उनसे बात करने के लिए फोन मांगा लेकिन उनके पास मोबाइल फोन नहीं था. लगभग 15 मिनट बाद एक पुलिस वैन आई और उसके बाद एम्बुलेंस बुलाया गया. चूंकि एम्बुलेंस को आने में काफी समय लग रहा था इसलिए मैंने पुलिस से उन्हें अस्पताल पहुंचाने को कहा. उसके बाद उन्हें पुलिस वैन में बिठाकर लोहिया अस्पताल ले जाया गया.'

अस्पताल से सना ख़ान को पुलिस थाना ले जाया गया जहां एक महिला कांस्टेबल ने उनका बयान लिया और साइन करवाया. सना ख़ान ने आगे कहा, 'उसके बाद मैंने पुलिसवालों से अनुरोध किया कि वो मुझे घर ले चलें जिससे कि मैं अपना मोबाइल फोन ले कर अपने परिवार से बात करूं. इसके बाद वो मुझे अपने कमरे पर ले गए लेकिन सिर्फ मां से बात करने की इजाज़त दी गई. बात करने के बाद मुझे फिर से वापस पुलिस स्टेशन लाया गया.'