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Rights Issue क्या होता है, इसमें कैसे और कब किया जा सकता है निवेश?, जानिए यहां

शेयर बाजार से जुड़े जानकारों का कहना है कि किसी कंपनी के मौजूदा शेयरहोल्डर्स को एक निश्चित अनुमात में नए शेयर जारी किए जाते हैं. बता दें कि पैसे को जुटाने के लिए कंपनियों के द्वारा राइट्स इश्यू (Rights Issue) का सहारा लिया जाता है.

30 Aug 2021, 03:35:38 PM (IST)

highlights

  • मौजूदा शेयरहोल्डर्स को एक निश्चित अनुमात में नए शेयर जारी किए जाते हैं 
  • निवेशक राइट्स इश्यू के जरिए सस्ती कीमत पर शेयर खरीद सकता है

नई दिल्ली :

देश की अग्रणी दूरसंचार कंपनी भारती एयरटेल (Bharti Airtel) के निदेशक मंडल ने राइट्स इश्यू (Rights Issue) के जरिए 21,000 करोड़ रुपये तक जुटाने को मंजूरी दे दी है. राइट्स इश्यू का इश्यू प्राइस 535 रुपये फुली पेड-अप इक्विटी शेयर तय किया गया है, जिसमें 530 रुपये प्रति शेयर का प्रीमियम भी शामिल है. कंपनी ने एक नियामक फाइलिंग में कहा है बोर्ड ने 21,000 रुपये करोड़ तक के इश्यू आकार के रिकॉर्ड तिथि (बाद में अधिसूचित) के अनुसार कंपनी के पात्र इक्विटी शेयरधारकों को अधिकार के आधार पर कंपनी के प्रत्येक 5 रुपये के अंकित मूल्य के इक्विटी शेयर जारी करने को मंजूरी दी है. हालांकि इस खबर के बाद कई निवेशकों के मन सवाल उठ रहा होगा कि आखिर यह राइट्स इश्यू क्या है? इसमें कौन कैसे और कब निवेश कर सकता है? इसके अलावा इसमें निवेश से निवेशकों को क्या फायदा होगा. आज की इस रिपोर्ट में हम इन्हीं सवालों के जवाब जानने की कोशिश करेंगे.

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क्या होता है राइट्स इश्यू?
शेयर बाजार से जुड़े जानकारों का कहना है कि किसी कंपनी के मौजूदा शेयरहोल्डर्स को एक निश्चित अनुमात में नए शेयर जारी किए जाते हैं. बता दें कि पैसे को जुटाने के लिए कंपनियों के द्वारा राइट्स इश्यू का सहारा लिया जाता है. शेयरधारकों के पास जितनी मात्रा में शेयर होते हैं उसी के हिसाब से राइट्स इश्यू की बिक्री की जाती है. मान लीजिए कि अगर राइट्स इश्यू 2:5 का है तो इसके तहत निवेशक को प्रति 5 शेयर पर 2 राइट्स शेयर बेचे जाएंगे. जानकारों का कहना है कि राइट्स इश्यू को निवेशकों के लिए आकर्षक बनाने के लिए इनकी कीमतों को कम रखा जाता है. इसका मतलब यह है कि निवेशक राइट्स इश्यू के जरिए सस्ती कीमत पर शेयर खरीद सकता है.

जानकारों का कहना है कि कंपनी के द्वारा शेयरहोल्डर्स को राइट्स इश्यू में डिस्काउंट दिया जाता है. हालांकि राइट्स इश्यू जारी होने से कंपनी के शेयर बेस के ऊपर असर पड़ता है और कंपनी का इक्विटी बेस भी बढ़ जाता है. राइट्स इश्यू जारी होने से स्टॉक एक्सचेंज पर कंपनी के शेयरों की लिक्विडिटी में बढ़ोतरी हो जाती है. वहीं कंपनी की ओनरशिप में किसी भी तरह का कोई बदलाव नहीं होता है.