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अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने बढ़ाई ब्याज दरें, भारतीय बाजार पर होगा असर

अमेरिकी फेडरल की तरफ से ब्याज दरों में की गई बढ़ोतरी का असर भारत समेत एशिया के बाजारों में होने वाले निवेश पर हो सकता है।

News Nation Bureau
| Edited By :
22 Mar 2018, 11:31:48 AM (IST)

highlights

  • अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में 25 आधार अंकों की बढ़ोतरी की
  • फेडरल रिजर्व के इस फैसले के बाद ब्याज दरें 1.5 फीसदी से बढ़कर 1.75 फीसदी हो गई है
  • फेडरल रिजर्व के इस फैसले का उल्टा असर भारतीय बाजार में होवे वाले निवेश पर हो सकता है

नई दिल्ली:

हाल के महीनों में अर्थव्यवस्था में आई मजबूती का हवाला देते हुए अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में 25 आधार अंकों की बढ़ोतरी की। फेडरल रिजर्व के इस फैसले के बाद ब्याज दरें 1.5 फीसदी से बढ़कर 1.75 फीसदी हो गई है।

अमेरिकी फेडरल की तरफ से ब्याज दरों में की गई बढ़ोतरी का असर भारत समेत एशिया के बाजारों पर भी होगा।

हालांकि कुछ विश्लेषकों का मानना है कि भारतीय बाजार इस फैसले की वजह से होने वाले असर को पहले ही पचा चुका है। वहीं कुछ विश्लेषकों को लगता है कि इससे भारतीय बाजार में होने वाले निवेश पर उल्टा असर पड़ेगा।

फेडरल रिजर्व बोर्ड के चेयरमैन जेरोम पावेल ने अपने प्रेस कॉन्फ्रेंस ने कहा, 'ब्याज दरों को बढ़ाए जाने का फैसला मौद्रिक नीति को धीरे-धीरे उसकी जगह पर लाने की कोशिश है, जिसकी कोशिश पिछले कई सालों से चल रही थी।'

उन्होंने कहा कि पिछले तीन महीनों के दौरान अमेरिका में औसत तौर पर 240,000 रोजगार के मौके पैदा हुए हैं और यह बेरोजगारी की स्थिति से निपटने में सक्षम है। पावेल ने कहा कि फरवरी में बेरोजगारी की दर 4.1 फीसदी है जो कि अर्थव्यवस्था में सुधार का संकेत है।

2015 के बाद से अमेरिकी सेंट्रल बैंक की तरफ से ब्याज दरों में की गई यह छठी बढ़ोतरी है। गौरतलब है कि मंदी के बाद से अमेरिकी सेंट्रल बैंक ने ब्याज दरों को निम्नतम स्तर पर बनाए रखा था लेकिन अब इसमें लगातार की जा रही बढ़ोतरी को उस स्थिति से निकलने के तौर पर देखा जा रहा है।

फेड की तरफ से जारी बयान में कहा गया है, 'पिछले तीन महीनों में आर्थिक परिदृश्य स्थिर रहा है।'

पिछले साल ही फेडरल रिजर्व ने कहा था कि वह 2018 में तीन बार ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर सकता है। लेकिन ट्रंप के प्रोत्साहन पैकेज दिए जाने और टैक्स में कटौती की वजह से महंगाई में होने वाली बढोतरी को देखते हुए फेडरल रिजर्व ने समय से पहले ही ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है।

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