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सऊदी अरब की तेल कंपनी सऊदी अरामको ने तोड़े कमाई के सारे रिकॉर्ड, सबसे ज्यादा मुनाफा कमाने वाली कंपनी बनी

सऊदी अरामको (Saudi Aramco) ने 2018 में कुल 111.1 अरब डॉलर की कमाई दर्ज की है. सऊदी अरामको का मुनाफा एप्पल (59.5 अरब डॉलर), रायल डेच शेल (23.9 अरब डॉलर) और एग्जॉन मोबिल (20.8 अरब डॉलर) से काफी ज्यादा है

News Nation Bureau
| Edited By :
03 Apr 2019, 07:51:49 AM (IST)

नई दिल्ली:

दुनिया के सबसे बड़ी तेल कंपनी सऊदी अरामको (Saudi Aramco) ने कमाई के मामले में एप्पल, रायल डेच शेल और एग्जॉन मोबिल को काफी पीछे छोड़ दिया है. बता दें कि सऊदी अरब की सऊदी अरामको को दुनिया की सबसे बड़ी तेल कंपनी मानी जाती है. सऊदी अरामको का मुनाफा एप्पल (59.5 अरब डॉलर), रायल डेच शेल (23.9 अरब डॉलर) और एग्जॉन मोबिल (20.8 अरब डॉलर) से काफी ज्यादा है. बता दें कि एग्जॉन मोबिल अमेरिका की सबसे बड़ी तेल कंपनी है और इसका मुख्यालय टेक्सास में हैं. 2018 में सऊदी अरामको ने 2018 में कुल 111.1 अरब डॉलर (7.66 लाख करोड़ रुपये) का जोरदार मुनाफा कमाया है.

सऊदी अरामको इतनी बड़ी कंपनी होने के बावजूद यह ज्यादा प्रसिद्ध नहीं हो पाई, इसके पीछे सबसे बड़ी वजह थी किसी भी स्टॉक एक्सचेंज में रजिस्टर नहीं होना. पिछले साल सऊदी अरामको ने आईपीओ (IPO) जारी करने जा रही थी लेकिन अब यह 2020 के अंत में या 2021 के शुरू में आने की संभावना है. बाज़ार के जानकारों का मानना है कि इसका आईपीओ 2 खरब डॉलर से भी ज्यादा होने का अनुमान है. आंकड़ों के मुताबिक साल 2018 में सऊदी अरामको (Saudi Aramco) का मुनाफा एप्पल से 46 फीसदी अधिक था. 2018 में एप्पल की कमाई 59.5 अरब डॉलर थी.

सऊदी अरामको के पास दुनिया के कई बड़ी ऑयल फील्ड है. 2018 में अरामको ने सऊदी सरकार को 160 अरब डॉलर की रकम दी थी. 3. पहली बार कमाई की घोषणा: सऊदी अरामको कंपनी ने पहली बार अपनी कमाई की घोषणा की है. कंपनी के वित्तीय नतीजों के अनुसार 2018 में अरामको का कुल रेवेन्यू 355.9 अरब डॉलर दर्ज किया गया. दिसंबर 2018 अंत तक इस कंपनी के पास 48.8 अरब डॉलर की नकदी थी.

कंपनी की योजना बॉन्ड बेचकर 15 अरब डॉलर जुटाना है. यह कंपनी और सऊदी अरब सरकार के लिए यह आय का बड़ा जरिया है. कंपनी ऑयल और गैस की आय पर से अपनी निर्भरता कम कम करना चाहती है. इस कंपनी की स्थापना अमेरिकी तेल कंपनी ने की थी. अरामको यानि अरबी अमेरिकन ऑयल कंपनी का सऊदी अरब ने 1970 के दशक में राष्ट्रीयकरण कर दिया था.