ईरान से अब कच्चा तेल (Crude Oil) नहीं खरीद पाएगा भारत, क्या होगा असर, पढ़ें पूरी खबर
अमेरिका द्वारा ईरान से कच्चा तेल (Crude Oil) खरीदने की भारत को मिली छूट आज (1 मई) को खत्म हो रही है. भारत जरूरत का करीब 12 फीसदी कच्चा तेल ईरान से खरीदता है.
नई दिल्ली:
ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध से तेल (Crude Oil) संकट पैदा होने के हालात हो गए हैं. कई देशों में इसको लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं. उसका असर शेयर बाजारों पर भी दिख रहा है. ईरान पर अमेरिकी पाबंदी का साफ असर भारत पर दिख रहा है. भारत में पेट्रोल-डीजल के दामों में बढ़ोतरी की आशंका पैदा हो गई है.
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गौरतलब है कि अमेरिका द्वारा ईरान से कच्चा तेल खरीदने की भारत को मिली छूट आज (1 मई) को खत्म हो रही है. भारत जरूरत का करीब 12 फीसदी कच्चा तेल ईरान से खरीदता है. ऐसे में ईरान से क्रूड इंपोर्ट पर रोक के बाद भारत को नए देशों से तेल इंपोर्ट का करार करना पड़ेगा. अन्य देशों से तेल खरीद का करार करने पर भारत को वहां से महंगा तेल खरीदना होगा. ईरान से ऑयल इंपोर्ट की छूट खत्म होने के बाद भारत की मुश्किलें बढ़ने जा रही हैं. अमेरिकी प्रतिबंध से पहले भारत ईरान से करीब 25 मिलियन टन तेल इंपोर्ट करता था. हालांकि प्रतिबंध के बाद पिछले कुछ महीनों में इंपोर्ट घटकर हर महीने 1.25 मिलियन टन रह गई.
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जानकारों का मानना है कि ईरान पर अमेरिकी पाबंदी के बाद दुनियाभर में कच्चे तेल की कीमतों में तेजी देखने को मिल सकती है. ऐसे में भारत में पेट्रोल और डीजल का भाव बढ़ सकता है. डीजल का भाव बढ़ने से माल भाड़े में बढ़ोतरी होने की आशंका बनी हुई है. बता दें कि अमेरिका सहयोगी देशों को ईरान से तेल न खरीदने पर मजबूर करके ईरान की अर्थव्यवस्था को धराशायी करना चाहता है. वहीं ईरान का कहना है कि वो किसी भी हालत में झुकने वाला नहीं है. ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी (Hassan Rouhani) ने मंगलवार को कहा कि अमेरिका कितना भी दबाव बना ले हम झुकने वाले नहीं हैं. उन्होंने कहा कि अगर वो यह सोच रहे हैं कि हमारे ऑयल एक्सपोर्ट को खत्म कर देंगे तो गलत सोच रहे हैं. रूहानी ने कहा कि आने वाले समय में हमारा ऑयल एक्सपोर्ट निर्बाध गति से जारी रहेगा.
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