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केंद्रीय कर्मचारी-पेंशनधारी निराश, 15 अगस्‍त को सरकार ने वेतन बढ़ाने की नहीं की घोषणा

केन्‍द्र की नरेन्‍द्र मोदी सरकार ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू था। 1 जनवरी 2016 से वेतन आयोग लागू है और केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारियों के वेतन और पेंशन में खासी वृद्धि हुई है। सरकर हर 6 माह में महंगाई भत्ते को बढ़ाने की घोषणा करती है, लेकिन इस बार यह घोषणा अभी तक हुई है। इससे कर्मचारियों में निराशा है। कर्मचारियों को आशा थी कि 15 अगस्‍त को इस संबंध में घोषणा हो सकती है लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।

News Nation Bureau
| Edited By :
17 Aug 2018, 02:34:30 PM (IST)

नई दिल्‍ली:

केन्‍द्र की नरेन्‍द्र मोदी सरकार ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू था। 1 जनवरी 2016 से वेतन आयोग लागू है और केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारियों के वेतन और पेंशन में खासी वृद्धि हुई है। सरकर हर 6 माह में महंगाई भत्ते को बढ़ाने की घोषणा करती है, लेकिन इस बार यह घोषणा अभी तक हुई है। इससे कर्मचारियों में निराशा है। कर्मचारियों को आशा थी कि 15 अगस्‍त को इस संबंध में घोषणा हो सकती है लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।

बता दें कि साल में दो बार सरकार महंगाई भत्ता (Dearness Allowance DA) अपने कर्मचारियों और पेंशनधारियों को देती है। अमूमन जनवरी और जुलाई से यह लागू किया जाता है। अकसर देखा गया है कि सरकार की घोषणा में थोड़ी बहुत देरी हो जाती है। जैसे 2018 के मार्च में वित्तमंत्री अरुण जेटली ने महंगाई भत्ता बढ़ाए जाने की घोषणा की थी, जिसे जनवरी 2018 से लागू किया गया था।

अब अगस्‍त है और एक बार केंद्रीय कर्मचारी और पेंशनभोगी सरकार की ओर टकटकी लगाए बैठे हैं कि कब सरकार इस बारे में घोषणा करती है। ऐसा देखा गया है कि जुलाई में लागू होने वाला महंगाई भत्ता सरकार अगस्त में घोषित करती है। 
बता दें कि मार्च में केंद्र सरकार ने देश के करीब 1.10 करोड़ सरकारी कर्मचारियों और पेंशन भोगियों के महंगाई भत्ते में दो फीसदी बढ़ोतरी की थी। लिहाजा तब से सरकारी कर्मचारियों को 5 फीसदी की जगह 7 फीसदी महंगाई भत्ता मिल रहा है। नई दरें इस साल 1 जनवरी से लागू की गई थीं।

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सरकारी कर्मचारियों और पेंशन भोगियों को 1 जनवरी से अब तक महंगाई भत्ता जोड़कर मिल रहा है। गौरतलब है कि इस मंजूरी के बाद केन्द्र सरकार के 48.41 लाख कर्मचारियों अैर 61.17 पेंशन भोगियों को फायदा हो रहा है। इस फैसले के बाद सरकारी खजाने पर सालाना 6,077.72 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार पड़ रहा है।