कमजोर ग्रोथ के बावजूद RBI से नहीं मिलेगी राहत, नहीं होगी ब्याज दरों में कटौती: रिपोर्ट
अगली मॉनेटरी पॉलिसी में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के ब्याज दरों में बदलाव करने की कोई संभावना नहीं है।
highlights
- अगली मॉनेटरी पॉलिसी में आरबीआई के ब्याज दरों में बदलाव करने की कोई संभावना नहीं है
- जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) में आई गिरावट के बाद ब्याज दरों में कटौती की मांग उठने लगी है
- पहली तिमाही में देश की जीडीपी कम होकर 5.7 फीसदी हो गई है, जो पिछले तीन सालों का न्यूनतम स्तर है
नई दिल्ली:
अगली मॉनेटरी पॉलिसी में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के ब्याज दरों में बदलाव करने की कोई संभावना नहीं है।
हालांकि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) में आई गिरावट के बाद ब्याज दरों में कटौती की मांग उठने लगी है। पहली तिमाही में देश की जीडीपी कम होकर 5.7 फीसदी हो गई है, जो पिछले तीन सालों का न्यूनतम स्तर है।
एसबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक 4 अक्टूबर को होने वाली आरबीआई की बैठक में ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। कमजोर पड़ती अर्थव्यवस्था, महंगाई में धीरे-धीरे आ रही तेजी और वैश्विक अनिश्चितता को लेकर बन रही चुनौती की वजह से आरबीआई के ब्याज दरों में कटौती करने की संभावना कम ही है।
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इससे पहले अगस्त की समीक्षा बैठक में रिजर्व बैंक ने रीपो दर में 25 आधार अंकों की कटौती करते हुए इसे घटाकर 6 फीसदी कर दिया था। समीक्षा समिति की बैठक 4 अक्टूबर को होनी है।
चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में देश की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) 5.7 फीसदी हो चुकी है। कमजोर पड़ती आर्थिक रफ्तार को लेकर इंडस्ट्री ब्याज दरों में कटौती की मांग कर रहा है।
रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया गया है कि देश की अर्थव्यवस्था के सामने सबसे बड़ी चुनौती अनिश्चित वैश्विक माहौल और कमजोर ग्रोथ रेट है।
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