पांच साल ने निचले स्तर पर आई महंगाई, नोटबंदी के बाद लगातार कम हो रही महंगाई
खुदरा महंगाई दर में गिरावट, नोटबंदी का असर जारी, रिज़र्व बैंक को मुस्कुराने की मिली वजह।
नई दिल्ली:
उपभोक्ता महंगाई दर में जनवरी के महीने में भी गिरावट दर्ज की गई है और यह पांच साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है। जनवरी महीने में खुदरा महंगाई दर 3.17% रही जबकि इससे पहले दिसंबर में यह आंकड़ा 3.41% था, जो पिछले दो सालों में सबसे कम था। जबकि जनवरी महीने में खुदरा महंगाई दर 5.08% दर्ज की गई है।
नोटबंदी के बाद उपभोक्ता महंगाई दर में लगातार कमी देखी जा रही है। नोटबंदी के बाद नवंबर में खुदरा महंगाई दर का आंकड़ा 3.63% दर्ज किया गया था। इस दौरान खाने-पीने की चीजों की कीमतों में आई गिरावट की वजह से महंगाई दर में गिरावट आई।
महीने दर महीने के आधार पर जनवरी में महंगाई दर 1.37% से घटकर 0.53% रही। सब्जियों की महंगाई दर -14.59% के मुकाबले -15.62% रहे। जबकि फ्यूल, लाइट की महंगाई दर 3.77% से घटकर 3.42% रही है। रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया की भी लगातार महंगाई दर पर नज़र बनी हुई है।
आरबीआई ने मंहगाई दर को काबू रखने के लिए जनवरी महीने में पेश अपनी छठीं मौद्रिक नीति में भी ब्याज दरों में कटौती करने से परहेज किया था। जिसके बाद सस्ते लोन की चाह रखने वाले ग्राहकों को झटका लगा था।
रिज़र्व बैंक ने साफ किया था कि जब तक खुदरा महंगाई दर पूरी तरह काबू में नहीं आ जाती, ब्याज दरों में कटौती की गुंजाइश नहीं है। आरबीआई ने मार्च 2017 तक महंगाई दर का लक्ष्य 4% रखा है, लेकिन रिज़र्व बैंक की चिंता कोर रिटेल इंफलेशन को काबू करने की है। कोर रिटेल सेगमेंट में मंहगाई को काबू करना रिज़र्व बैंक की प्राथमिकता है।
इससे पहले नोटबंदी के बाद लोगों के खरीदने की क्षमता में तेज़ गिरावट हुई थी जिसका असर खुदरा महंगाई दर के आंकड़ों पर भी पड़ा था और नवंबर दिसंबर के बाद जनवरी में भी महंगाई दर के आंकड़ों में कमी हुई है।
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