नोटबंदी: आय से अधिक कैश जमा कराने वाले 5.56 लाख लोगों पर इनकम टैक्स विभाग सख्त
ऑपरेशन क्लीन मनी के पहले चरण में खातों के ई-वेरीफिकेशन के लिए 17.92 लाख लोगों की पहचान की गयी थी। जिसमे से 9.72 लाख लोगों ने खातों का ऑनलाइन वेरीफिकेशन जमा करा दिया है।
नई दिल्ली:
आयकर विभाग ने 5.56 लाख ऐसे लोगों की पहचान की है जिनकी नोटबंदी के दौरान जमा कराई गयी राशि उनकी टैक्स प्रोफाइल से मेल नहीं खाती।
विभाग ने 1.04 लाख ऐसे लोगों की भी पहचान की है जिन्होंनें ई-वेरीफिकेशन के दौरान पूछे जाने पर भी अपने सभी बैंक खातों की जानकारी नहीं दी। इसलिए आयकर विभाग ने इन सभी खाताधारकों से स्पष्टीकरण मांगा है।
आयकर विभाग द्वारा मीडिया में जारी रिपोर्ट्स के अनुसार, ऑपरेशन क्लीन मनी के पहले चरण में खातों के ई-वेरीफिकेशन के लिए 17.92 लाख लोगों की पहचान की गयी थी। जिसमे से 9.72 लाख लोगों ने खातों का ऑनलाइन वेरीफिकेशन जमा करा दिया है।
अब आयकर विभाग बाकी बचे लोगों के खातों की जांच कर रहा है और टैक्स चोरी का पता करने में जुटा है। ऑपरेशन ‘क्लीन मनी’ के तहत जुटाई गई जानकारी में पता चला है कि इन लोगों ने अपने टैक्स प्रोफाइल में नोटबंदी के दौरान जमा की गई रकम का कोई ब्यौरा नहीं दिया है।
विभाग ने आगे बताया कि इन खातों की जानकारी पैन होल्डर की इ-फाइलिंग विंडो पर जारी कर दी गयी है। पैन होल्डर वेबसाइट की लिंक 'कैश ट्रांसेक्शन 2016' पर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
जारी की गयी रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि करदाता अपना स्पष्टीकरण ऑनलाइन जमा कर सकते है। इनकम टैक्स ऑफिस में आना जरुरी नहीं है। पहचान किये गए लोगों को ईमेल और एसएमएस के जरिये जानकारी दे दी गयी है।
आयकर विभाग पहले ही कह चुका है कि नोटबंदी के बाद से लेकर अब तक 23 हजार करोड़ रुपये से भी ज्यादा अघोषित आय का पता चला है, वहीं नोटबंदी के बाद से लेकर अब तक करदाताओं की संख्या 91 लाख बढ़ गयी है।
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