GSP का दर्जा छीन कर डोनाल्ड ट्रंप देना चाहते थे भारत को झटका, लेकिन दांव पड़ा उल्टा, जानें क्यों
जिन भारतीय वस्तुओं को जीएसपी का लाभ मिल रहा था, उनका निर्यात पिछले साल जून के 49.57 करोड़ डॉलर से बढ़कर इस साल जून में 65.74 करोड़ डॉलर पर पहुंच गया.
highlights
- भारतीय वस्तुओं का निर्यात जून में 32 प्रतिशत बढ़ गया
- जीएसपी के तहत 19 करोड़ डॉलर के लाभ का दावा किया गया था
- जीएसपी सुविधा 1,900 भारतीय उत्पादों पर दी जाती रही थी
नई दिल्ली:
भारतीय व्यापार संवर्धन परिषद (टीपीसीआई) ने बताया कि अमेरिका द्वारा भारत को दी जाने वाली तरजीही शुक्ल व्यवस्था जीएसपी का लाभ समाप्त होने के बाद अमेरिका को इस व्यवस्था के तहत होने वाली वस्तुओं का निर्यात जून में 32 प्रतिशत बढ़ गया. जिन भारतीय वस्तुओं को जीएसपी का लाभ मिल रहा था, उनका निर्यात पिछले साल जून के 49.57 करोड़ डॉलर से बढ़कर इस साल जून में 65.74 करोड़ डॉलर पर पहुंच गया.
टीपीसीआई ने अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय व्यापार आयोग (यूएसआईटीसी) के आंकड़ों का जिक्र करते हुए इसकी जानकारी दी. टीपीसीआई के चेयरमैन मोहित सिंगला ने एक बयान में कहा, 'पिछले साल के जून महीने की तुलना में इस साल जून में जीएसपी सुविधा से हटाए गए भारतीय उत्पादों का अमेरिका को निर्यात 32 प्रतिशत बढ़ गया.'
जीएसपी के तहत 19 करोड़ डॉलर के लाभ का दावा
उन्होंने कहा कि यह महत्वपूर्ण रुख है क्योंकि इससे पहले जीएसपी के तहत 19 करोड़ डॉलर के लाभ का दावा किया गया था. इसके हटने के बाद इस वृद्धि ने 16.17 करोड़ डॉलर के लाभ की भरपाई कर ली है. अब महज 2.83 करोड़ डॉलर का लाभ हासिल करना शेष रह गया है.
जिन उत्पादों के निर्यात में तेजी आई है, उसमें एल्यूमीनियम, मशीन और उपकरण, परिवहन उपकरण, चमड़ा और खाल, प्लास्टिक रबर, मोती, कीमती पत्थर आदि शामिल हैं. सिंगला ने कहा कि इससे पता चलता है कि भारतीय उत्पादों में वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने की क्षमता है और मान्यता से इतर ये पूरी तरह से मदद पर निर्भर नहीं हैं.
गौरतलब है कि कुछ अमेरिकी सांसदों ने ट्रंप को सलाह दी थी कि भारत से यह दर्जा वापस नहीं लिया जाए क्योंकि इस कदम से अमेरिकी उद्योगपतियों को प्रतिवर्ष 30 करोड़ डॉलर का अतिरिक्त शुल्क देना होगा.
5 जून से भारतीय उत्पादों पर जीएसपी सुविधा अमेरिका ने की थी खत्म
अमेरिका ने 5 जून से भारतीय उत्पादों को सामान्यीकृत तरजीही प्रणाली (जीएसपी) के तहत मिलने वाली प्रोत्साहन सुविधा को समाप्त कर दिया था. यह सुविधा 1,900 भारतीय उत्पादों पर दी जाती रही थी. जीएसपी यानी जनरलाइज्ड सिस्टम ऑफ प्रेफरेंसेज. अमेरिका द्वारा अन्य देशों को व्यापार में दी जाने वाली तरजीह की सबसे पुरानी और बड़ी प्रणाली है. इसकी शुरुआत 1976 में विकासशील देशों में आर्थिक वृद्धि बढ़ाने के लिए की थी. दर्जा प्राप्त देशों को हजारों सामान बिना किसी शुल्क के अमेरिका को निर्यात करने की छूट मिलती है.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जीएसपी का दर्जा खत्म करते हुए कहा था कि भारत ने अमेरिका को अपने बाजार तक समान और पहुंच उपलब्ध कराने का आश्वासन नहीं दिया है. इसलिए 5 जून, 2019 से भारत का लाभार्थी विकासशील देश का दर्जा समाप्त करना बिल्कुल उचित होगा.