रुपाणी की कंपनी पर ट्रेडिंग में 'हेरा-फेरी' का आरोप, राहुल ने कहा-मोदी 'चुप्पी' तोड CM को पद से हटाएं
गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी की कंपनी हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली (एचयूएफ) पर सेबी के जुर्माना लगाए जाने के बाद राहुल गांधी ने बीजेपी पर हमला बोला है।
highlights
- गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी की कंपनी के कथित फ्रॉड पर राहुल का हमला
- राहुल ने कहा, 'यही है न खाऊंगा और खाने दूंगा' की हकीकत
नई दिल्ली:
सारंग केमिकल्स कंपनी के शेयरों की ट्रेडिंग में कथित हेरा-फेरी के मामले में गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी की कंपनी हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली (एचयूएफ) पर सेबी (सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया) के जुर्माना लगाए जाने के बाद कांग्रेस के वाइस प्रेसिडेंट राहुल गांधी ने एक बार फिर से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम के दावे पर सवाल उठाया है।
राहुल ने ट्वीट कर कहा, यही है 'न खाऊंगा, न खाने दूंगा की कहानी।'
राहुल ने गुरुवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने नेताओं के भ्रष्टाचार पर 'चुप्पी' तोडें और गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपानी को पद से हटाएं।
गौरतलब है कि बाजार नियामक संस्था सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) ने सारंग केमिकल्स कंपनी के शेयरों की ट्रेडिंग में कथित हेरा-फेरी के मामले में रुपाणी की कंपनी हिंदू अनडिवाइडेड फैमिली (एचयूएफ) समेत 22 अन्य कंपनियों पर जुर्माना लगाया है।
अंग्रेजी बिजनेस अखबार बिजनेस स्टैंडर्ड में छपी खबर के मुताबिक रुपाणी की कंपनी समेत 22 कंपनियों पर सेबी 6.9 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है।
रुपाणी की कंपनी पर सेबी ने 15 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है।
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वहीं तीन अन्य लोगों पर 70 लाख रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया गया है।
सेबी ने कहा कि इन कंपनियों पर लगाया गया जुर्माना इनके किए गए 'उल्लंघन के अनुपात' में है। 22 कंपनियों में दो ब्रोकर भी शामिल हैं, जिनके जरिये ट्रेडकिया गया। इन्हें 8-8 लाख रुपये का जुर्माना भरने को कहा गया है।
इस मामले में सफाई देते हुए रुपाणी ने कहा कि कथित फर्जीवाड़ा मामले में जांच के दौरान उन्हें अपना पक्ष रखने का मौका नहीं दिया गया।
ट्विटर पर जारी बयान में सफाई में उन्होंने कहा है कि सिक्योरिटीज एपिलेट ट्रिब्यूनल (सैट) ने सेबी के आदेश को रद्द कर दिया है। जारी बयान में उन्होंने कहा है कि सारंग केमिकल्स की शेयर ट्रेडिंग उनकी एचयूएफ को कोई बड़ा मुनाफा नहीं हुआ।
One of such persons against whom such an ex parte order was passed, approached SEBI Tribunal by filing an Appeal. Having found that none of the persons against whom the SEBI officer has passed an order is even heard, the Tribunal has quashed and set aside the said order.
— Vijay Rupani (@vijayrupanibjp) November 9, 2017उन्होंने कहा कि 'जिस आदेश के आधार पर बिजनेस स्टैंडर्ड ने खबर छापी है, उसे सेबी ट्रिब्यूनल पहले ही खारिज कर चुका है।'
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