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कॉटन एक्सपोर्ट (Cotton Export) चालू सीजन में 50 लाख गांठ होने का अनुमान

कॉटन एसोसिएशन ने अपने जुलाई महीने के आकलन में कॉटन उत्पादन अनुमान जून महीने के आकलन से 19 लाख गांठ बढ़ाकर 354.50 लाख गांठ कर दिया है.

IANS
| Edited By :
18 Aug 2020, 08:49:18 AM (IST)

मुंबई :

उद्योग संगठन कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (Cotton Association Of India-CAI) का अनुमान है कि भारत चालू कॉटन सीजन 2019-20 (अक्टूबर-सितंबर) में 50 लाख गांठ (एक गांठ में 170 किलो) कॉटन निर्यात (Cotton Export) कर सकता है जो कि पिछले साल से आठ लाख गांठ यानी 19.05 फीसदी ज्यादा होगा. कॉटन एसोसिएशन ने अपने जुलाई महीने के आकलन में कॉटन उत्पादन (Cotton Production) अनुमान जून महीने के आकलन से 19 लाख गांठ बढ़ाकर 354.50 लाख गांठ कर दिया है.

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चालू सीजन में कॉटन का उत्पादन 354.50 लाख गांठ होने का अनुमान
संशोधित अनुमान के अनुसार, देश में चालू सीजन में कॉटन का उत्पादन 354.50 लाख गांठ, आयात 16 लाख गांठ और ओपनिंग स्टॉक 32 लाख गांठ के साथ कुल सप्लाई 402.50 लाख गांठ रहेगी जबकि घरेलू खपत 250 लाख गांठ, निर्यात 50 लाख गांठ होने पर 30 सितंबर, 2020 को सीजन के आखिर में बचा हुआ स्टॉक 102.50 लाख गांठ रहेगा. कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया के प्रेसीडेंट अतुल गणत्रा ने बताया कि 102.50 लाख गांठ बकाया स्टॉक अब तक का रिकॉर्ड स्तर है। इससे पहले कभी इतना कैरीफॉर्वर्ड स्टॉक नहीं रहा था. उन्होंने कहा कि भारत का कॉटन दुनिया में अभी सबसे सस्ता है इसलिए इसकी निर्यात मांग बनी हुई और सीजन के आखिर तक निर्यात 50 लाख गांठ तक जा सकता है.

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कोरोना काल में कॉटन की खपत में भारी गिरावट, रिकॉर्ड स्टॉक का अनुमान
कोरोना काल में स्पिनिंग में सुस्ती के चलते कपास (Kapas) की घरेलू खपत काफी घट गई है, जबकि निर्यात तकरीबन 50 लाख गांठ तक होने की उम्मीद है. फिर भी चालू सीजन के आखिर में 30 सितंबर को देश में भी एक करोड़ लाख गांठ से ज्यादा बकाया स्टॉक रहने का अनुमान है, जोकि अब तक का सबसे बड़ा कैरीफॉर्वर्ड स्टॉक होगा. भारत दुनिया में कॉटन (Cotton) का सबसे बड़ा उत्पादक है और भारतीय कॉटन व कॉटन यार्न सस्ता होने के कारण वैश्विक बाजार में इसकी मांग बनी हुई है. कॉटन उद्योग सूत्र से मिली जानकारी के अनुसार, चालू कॉटन सीजन 2019-20 (अक्टूबर-सितंबर) अब तक करीबन 45 लाख गांठ ( एक गांठ में 170 किलो) का निर्यात हो चुका है और पूरे सीजन में 50 लाख गांठ का निर्यात होने का अनुमान है. यार्न की मांग भी 25 फीसदी बढ़ गई है.