Modi Budget 2.0 : हम किसी तरह के खतरे की ओर नहीं बढ़ रहे : राजीव कुमार
चर्चा की शुरुआत 9.30 बजे से केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के साथ होगी. 10.30 बजे से अनुराग ठाकुर बजट की बारीकियां समझाएंगे.
नई दिल्ली:
बजट की बारीकियों को समझने-समझाने के लिए आज शनिवार को न्यूज नेशन पर देश की सबसे बड़ी चर्चा होने जा रही है. चर्चा सुबह 9:30 बजे से शुरू होगी. चर्चा की शुरुआत 9.30 बजे से केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के साथ होगी. 10.30 बजे से अनुराग ठाकुर बजट की बारीकियां समझाएंगे. 11.00 बजे से Panel Discussion होगा, जिसमें गौतम चक्रमणि, डॉ . सचिन चतुर्वेदी, एमके वेणु, एनसी सक्सेना, ज़फर इस्लाम, शामिल होंगे. 12.30 बजे से केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक वरिष्ठ एंकर दीपक चौरसिया के साथ चर्चा को आगे बढ़ाएंगे. 1.00 बजे से डॉ . हर्षवर्धन वरिष्ठ एंकर अजय कुमार के साथ तो 3.00 बजे से केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी वरिष्ठ एंकर दीपक चौरसिया के साथ चर्चा में भाग लेंगे.
मोदी है तो मुमकिन है: श्रीसंत
श्रीसंत ने खेलो इंडिया की तारीफ की है. उन्होंने कहा कि यह सरकार अलग है.
यूपी, बिहार और पश्चिम बंगाल की आबादी विस्फोटक होने वाली है, हम इस पर कोई निश्चय क्यों नहीं कर पा रहे हैं?
राजीव कुमार, नीति आयोग के उपाध्यक्ष: जनआबादी को शिक्षा और समझ से ही संभाला जा सकता है. महिलाओं की शिक्षा से ही यह संभव हो सकता है. दक्षिण के छह राज्यों में जनसंख्या कंट्रोल हो गई है. मेरी अपनी समझ में नई किस्म की जनसंख्या नीति लाना साकार नहीं होगा, इससे अच्छा होगा कि हम महिलाओं की शिक्षा पर जोर दें और उनकी शादी की आयु बढ़ा दें.
पानी हिन्दुस्तान की सबसे बड़ी समस्या बनने जा रही है, जब शहरों में पानी नहीं होगा तो क्या होगा?
राजीव कुमार, नीति आयोग के उपाध्यक्ष: लोग अपने कार को धोने में पानी वेस्ट न करें. रेजीडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन को इस पर ध्यान देना चाहिए. जितने भी कम शावर से नहाएंगे, पानी की बचत होगी. हमें क्रॉपिंग पैटर्न भी चेंज करना होगा. हमें किसान को यह बताना होगा कि कितना पानी वो जमीन से निकाल रहा है. जलशक्ति मंत्रालय का जो गठन हुआ है, उससे बहुत फर्क आएगा. साथ ही अगर हम व्यक्तिगत तौर पर नहीं समझेंगे तो एक तरह से हम हार जाएंगे.
टैक्स टेररिज्म पर क्या कहेंगे?
राजीव कुमार, नीति आयोग के उपाध्यक्ष: टैक्स टेररिज्म का कोई सबूत तो नहीं मिलता है. अगर ऐसा कुछ है तो मुझे यही कहना है कि निवेशकों को चाहिए कि वे बिना डर के सरकार को फीडबैक दें. कल वित्त मंत्री ने यह खुलकर कहा कि बिना निजी निवेश के देश का विकास नहीं हो सकता. अगर ईमानदारी से फीडबैक मिले तो सरकार उस पर काम करेगी.
राजीव कुमार, नीति आयोग के उपाध्यक्ष: पिछले दो साल में बैंकों ने निर्यातकों से पैसा वापस लेना शुरू कर दिया है. दूसरी ओर, टैक्स व्यवस्था को पारदर्शी बनाया गया है. टैक्स स्क्रूटनी को ऑनलाइन किया गया है. टैक्स रिफंड अपने आप बैंकों में आ रहा है. एफडीआई में हमारा स्थान दसवां है, इसे हमें दूसरे या तीसरे पर लाना चाहिए. हम सोवरन बांड्स इश्यु करने वाले हैं. हम किसी खतरे की तरफ नहीं बढ़ रहे हैं.
बीते दो सालों में अर्थव्यवस्था की ग्रोथ रेट कम रहे हैं, ऐसे में हम 8 प्रतिशत की दर से कैसे बढ़ेंगे.
नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार: अर्थव्यवस्था की नींव अच्छी पड़ी है. निवेशकों की समस्याएं दूर की जाएंगी. देश के उद्यमी अगर यह सोचकर काम करें कि हमें लक्ष्य हासिल करना है तो हम 5 ट्रिलियन डॉलर का लक्ष्य आसानी से हासिल कर सकते हैं.
एनसी सक्सेना, 1964 बैच के आईएएस अधिकारी
गरीबों की आय बढ़ी है, लेकिन अमीरों की तुलना में कम बढ़ी है. अगर आप नरेगा को देखें तो इसमें बिहार में केरल और तमिलनाडु की तुलना में कम खर्च होता है. हमें हरेक स्टेट को समान कोटा देना चाहिए. इंडस्ट्री को लैंड चाहिए, लेकिन भूमि अधिग्रहण कानून इतना खराब है कि उसे जमीन ही नहीं मिल पाती. इसका सरलीकरण करना पड़ेगा.
जफर इस्लाम : मोदी जी ने बार-बार कहा है कि मिनिमम गवर्नमेंट, मैक्सिमम गवर्नेंस. सरकार ने प्रगतिशील बजट पेश किया है. सरकार ने पारदर्शिता के साथ लाभ दिया है. निवेश आधारित अर्थव्यवस्था तैयार हो रही है. 5 साल की सरकार में साफ दिखता है कि हमने अधिक डिलीवर किया है.
एमके वेणु, एडीटर, द वायर
मोदी सरकार ने पिछले चार-पांच साल में आयुष्मान भारत, गरीबों को सब्सिडी वाला घर, उज्ज्वला योजनाओं की शुरुआत की है, लेकिन इसे कायम करने के लिए ग्रोथ पर फोकस करना होगा. बजट में इस पर बात तो की गई है, लेकिन ग्रोथ को जेनरेट करने के लिए जिस तरह टैक्सेशन होना चाहिए, वो नहीं हुआ है. जीएसटी का टारगेट पूरा नहीं हुआ है. मिड्ल क्लास पर कम टैक्स होना चाहिए. अमीरों पर अधिक टैक्स हो.
डॉ सचिन चतुर्वेदी, आरआईएस के महानिदेशक और आरबीआई के बोर्ड मेंबर : इकोनॉकी ग्रो करे, लेकिन अनुशासन के साथ विकास हो, वित्त मंत्री ने एक अनुशासन बरता है. अनाप-शनाप खर्च से वित्त मंत्री ने खुद को दूर रखा है. बिना सरकार के खर्च के सोशल सेक्टर में डिलीवरी कैसे हो, इस पर वित्त मंत्री ने फोकस किया है. कृषि में बजट बढ़ाया गया है.
एनसी सक्सेना, योजना आयोग के पूर्व सदस्य : किसानों के लिए बहुत सारे रिस्ट्रक्शंस हैं, उन्हें खत्म कर देना चाहिए. सीमांत किसान अपनी जमीन बेचकर बाहर नहीं जा सकता. वैल्यू चेन पर भी ध्यान देने की जरूरत है, क्योंकि किसान को फसल का बहुत कम दाम मिलता है. अभी रोजगार पर बात हो रही थी. नौकरियां घटी हैं
जफर इस्लाम, बीजेपी नेता : निर्मला जी ने बहुत अच्छा बजट पेश किया है. बजट में हर वर्ग के लिए कुछ न कुछ है. न्यू इंडिया में हर नागरिक को सुविधाएं हासिल होनी चाहिए, उसी दिशा में बजट में ख्याल रखा गया है. जिनके पास छत नहीं, उन्हें छत दी जाए, बिजली दी जाए, एलपीजी दी जाए. बजट में इसी बात को ध्यान में रखा गया है.
केयर इंडिया के निदेशक गौतम चिकरमणे पैनल को लीड कर रहे हैं.
तीसरा सेशन पैनल डिस्कशन के रूप में शुरू हो चुका है.
दूसरा सेशन समाप्त
अनुराग ठाकुर : भारत एक नई दिशा में बढ़ रहा है. इसमें जन भागीदारी बहुत जरूरी है.
अनुराग ठाकुर : पूरी उम्मीद है कि टीम इंडिया 2011 की तरह वर्ल्ड कप लेकर आएगी.
क्या बजट के लिए वर्ल्ड कप नहीं देख पा रहे हैं?
अनुराग ठाकुर : इस बार बजट के लिए समय बहुत कम मिला. हमने टीम इंडिया के लिए बजट बनाया. 5 ट्रिलियन के लिए हम काम कर रहे हैं, वहीं हम चाहते हैं विराट कोहली के नेतृत्व में टीम इंडिया वर्ल्ड कप लेकर आए.
क्या सरकार द्वारा संस्थानों के रुपयों को यूज करना सही है?
अनुराग ठाकुर : क्या यह पैसा देश के विकास में आए, सेंट्रल बैंक के पास कितना पैसा रिजर्व होना चाहिए यह तय आपको करना है.
मनरेगा, समाज कल्याण में आपने खर्च क्यों घटाया है?
अनुराग ठाकुर : हर विभाग को पहले से अधिक पैसा दिया गया है. सोशल सेक्टर स्कीम में भी रुपये बढ़ाए गए हैं. सरकार ने अधिक से अधिक लोगों को लाभ देने के लिए तकनीक का सहारा लिया है. जो लोग कई माध्यम से पैसे उठा रहे थे, वे लोग अब एक ही जगह से पैसे उठाएंगे. मनरेगा की बात करें तो हमने 40 हजार करोड़ से 55 हजार करोड़ रुपये तक इसका फंड कर दिया है.
अनुराग ठाकुर : साढ़े 3 करोड़ लोग टैक्स देते थे पहले, अब दोगुने लोग टैक्स देते हैं. जीएसटी लागू करना संभव नहीं था, लेकिन हमने दो साल से कम समय में जीएसटी लागू करके दिखाया. जीएसटी से पहले लोग 31 प्रतिशत तक टैक्स देते थे, अब 18 प्रतिशत अधिकतम टैक्स देते हैं. पहले से अधिक व्यापारी अब टैक्स दे रहे हैं.
पेट्रोलियम पदार्थों पर एक्साइज ड्यूटी सुर्खियों में है, यह पैसा कहां खर्च हो रहा है?
अनुराग ठाकुर : पिछले साल अक्टूबर में दिल्ली में 85 रुपये प्रति लीटर पेट्रोल था, लेकिन अब दाम बढ़ने के बाद भी 73 रुपये प्रति लीटर है. जब पेट्रोल के दाम आसमान छू रहे थे तब बीजेपी शासित राज्यों में दाम कम किए गए थे. जो एक्साइज टैक्स बढ़ाए गए हैं, उनका इस्तेमाल देश के आधारभूत ढांचों में खर्च किया जाता है.
रघुराम राजन, उर्जित पटेल आपकी सरकार की क्यों आलोचना करते हैं?
अनुराग ठाकुर : जब ये लोग अपने पदों पर थे तो रेग्युलेटर भी यही थे. लोकतंत्र में आलोचना सभी का अधिकार है.
अनुराग ठाकुर : भ्रष्ट इनकम टैक्स अफसरों को हमने रिटायर किया है, भगोड़ों के खिलाफ हमने कानून बनाए हैं.
आपकी योजनाएं अच्छी हैं. लेकिन बुनियादी ढांचे उसका सपोर्ट नहीं करते, ऑटो सेक्टर की हालत खराब है, कई नौकरियां जा चुकी हैं, क्या कहेंगे आप?
अनुराग ठाकुर : हमने काफी सुधार किया है. बैंकों के एनपीए में कमी आई है. यह सब मोदी सरकार में हुआ है. अब बैंकों को 70 हजार करोड़ रुपये दिए गए हैं.
सरकारी नौकरियाें में जगहों को भरने में क्या दिक्कतें हैं?
अनुराग ठाकुर : नौकरियों को भरने में दिक्कतें नहीं हैं. दुनिया बहुत तेजी से बदली हैं. पहले ई-कॉमर्स पहले नहीं था, स्टार्ट अप नहीं था. हमारे लिए नई चुनौतियां भी हैं और नए अवसर भी हैं. संगठित क्षेत्र बहुत छोटा है और असंगठित क्षेत्र बहुत बड़ा है. जब हम 100 लाख करोड़ निवेश की बात करते हैं तो उसमें रोजगार आएंगे ही. गरीबों को मकान बनाकर दिए जाएंगे, उसमें रोजगार आएंगे.
सवाल : बेराजगारी दर साढ़े छह फीसद की दर से बढ़ रही है, सरकारी नौकरियाें के पद नहीं भरी जा रही हैं, रेलवे में ही 2 लाख नौकरियां हैं.
अनुराग ठाकुर : गांव में रहने वालों को मुद्रा से जोड़ा गया है, उन्हें व्यापार को बढ़ाने व स्टार्ट अप के लिए बूस्ट किया गया है. एमएसएमई में व्यापार को लाभ मिलने वाला है. बीमा में 100 प्रतिशत एफडीआई की घोषणा की गई है. मेक इन इंडिया पर काम किया जा रहा है.
सवाल : क्या बजट नई बोतल में पुरानी शराब है?
अनुराग ठाकुर : 5 लाख रुपये की आय तक आपको इनकम टैक्स नहीं देना होगा. 45 लाख रुपये होमलोन पर आपको साढ़े तीन लाख की छूट मिलेगी, इसी तरह गाड़ी खरीदने पर छूट मिलेगी. समाज के हर वर्ग के लिए हमने काम किया है. स्टार्ट अप के लिए हमने काम किया है. युवाओं को बहुत बड़ी राहत दी है, इसी तरह महिलाओं को बहुत बड़ी राहत दी है. उन्हें मुद्रा योजना में एक लाख रुपये तक का लोन मिलेगा. एमएसएमई के लिए भी घोषणाएं की गई हैं.
सवाल : बहीखाता से क्या मतलब है?
अनुराग ठाकुर : अंग्रेज चले गए, उनकी सोच को भी चले जाना चाहिए. 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉकी की बात कही गई है, यह बड़ी छलांग होगी. भारत बड़ी छलांग लगाए, उस दिशा की ओर हम भारत को ले जाने वाले हैं.
वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर के साथ दूसरा सेशन शुरू हो गया है.
पहला सेशन समाप्त
सवाल : ममता बनर्जी ने कहा है कि तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने योजनाओं का लाभ लेने के लिए जो पैसे लिए हैं, वो वापस करें, क्या आपको लगता है कि इसकी जांच होनी चाहिए?
नितिन गडकरी : मुझे तो इसके बारे में जानकारी नहीं है.
सवाल : दिल्ली से आपका विशेष स्नेह है. तीनों एमसीडी में आपकी सरकार है तो आप तीनों मेयर को प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट की सलाह क्यों नहीं देते?
नितिन गडकरी : मैंने बात की थी, लेकिन इसमें रुपये बहुत खर्च होने वाले हैं, इसलिए मैंने एलजी से इस बाबत बात की थी.
सवाल : इलेक्ट्रिक वाहनों की बात हो रही है और पेट्रोलियम मंत्रालय 78 हजार नए पेट्रोल पंप लगाने जा रहा है?
नितिन गडकरी : पहली बात तो यह कि मुझे नहीं लगता कि विदेश कंपनी पेट्रोल पंप खोलने नहीं आ रही है.
सवाल : देश में अभी तक इलेक्ट्रिक वाहनों का कोई प्लांट नहीं है तो यह प्लान सफल कैसे होगा?
नितिन गडकरी : टाटा और महिंद्रा इस पर काम कर रही हैं. 12 तारीख को इथेनॉल से चलने वाली बाइक लांच करने वाला हूं. नए प्रोजेक्ट में थोड़ी-बहुत दिक्क्त तो आती है. वित्त मंत्री जी ने इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जिंग स्टेशन के लिए बजट में घोषणा की है. छह माह में दिल्ली में इलेक्ट्रिक बसें सड़कों पर दौड़ती दिखेगी.
सवाल : 2013 के बाद से गंगा को साफ करने की घोषणा की जाती रही है, लेकिन इस बजट भाषण में गंगा सफाई का जिक्र तक क्यों नहीं है?
नितिन गडकरी : गंगा सफाई के लिए 20 हजार करोड़ रुपये अभी सरप्लस है. हम गंगा में काम नहीं कर रहे हैं, हम नदी , नाले साफ कर रहे हैं, ताकि वह गंगा में न जाए. अलग-अलग जगहों पर काम कर रहे हैं. 30 प्रतिशत काम पूरा हो गया है. इसी कारण कुंभ में अधिकािधिक लोग आए और स्नान किया और एक तरह से गंगा के साफ होने का सर्टिफिकेट दे दिया. जल्द ही गंगा अविरल और स्वच्छ होगी, इसका सपना जल्द साकार होगा.
नितिन गडकरी : आस्ट्रिया की एक कंपनी है, वहां की कंपनी इसे ऑपरेट करती है. आस्ट्रियाई दूतावास के माध्यम से मैंने इसके लिए प्रयास किया है. आप इस पर एक कार्यक्रम करिए, मैं पिक्चर सहित इसके बारे में बताऊंगा, ताकि जनता को इसका पता चले. हम सौर ऊर्जा तैयार कर रहे हैं, इससे प्रदूषण कम करेंगे.
सवाल : गुड़गांव से लेकर धौलाकुआं तक हवा में लोग सफर करेंगे, लेकिन प्रोजेक्ट का क्या हुआ?
नितिन गडकरी : यह सिक्योरिटी के नॉर्म्स में फंस गया. आपने याद दिलाया है तो मैं सोमवार को इस पर अफसरों से चर्चा करूंगा.
सवाल :इलेक्ट्रिक वाहनों का समय है, लेकिन अभी देश में इसके यूजर बहुत कम है, लोगों को कैसे जागरूक करेंगे?
नितिन गडकरी : नागपुर में 250 इलेक्ट्रिक टैक्सी चलती हैं. इसके लिए चार्जिंग स्टेशन चाहिए. अगर इसके यूज करने से आपके पैसे बचेंगे तो इसके लिए किसी मार्केटिंग की जरूरत नहीं होगी. बजट में इसके लिए सहूलियत की घोषणा की गई है. आने वाले समय में बस, ऑटोरिक्शा, कार आदि के मॉडल लांच होंगे. हम एसी बस में बैठकर किराये के रेट कम कर सकेंगे. लंदन में 9 ऑपरेटर ही बस में निवेश करते हैं. केवल कारपोरेशन गारंटी देती है. कंडक्टर कॉरपोरेशन का होता है. एयर होस्टेस जैसी लड़की होगी, जॉब बढ़ेंगे.
नितिन गडकरी : इलेक्ट्रिक बस मैन्यूफैक्चरों से मेरी बात हुई है, हाइवे के केबल के माध्यम से इलेक्ट्रिक बसें चलेंगी, इसका प्रयोग अभी किया जा रहा है.
सवाल: कचरों से सड़कें बन रही हैं, आपका आइडिया है कि दिल्ली के गाजीपुर के कचरे के ढेर का इस्तेमाल दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस वे में क्यों नहीं उपयोग नहीं हो पाया?
नितिन गडकरी : मुझे दुख है कि मैं इसे नहीं कर पाया. हम इसे एग्रीगेट नहीं कर पाए. इसमें कचरे को साफ करना जरूरी है, लेकिन इसे साफ करने की जिम्मेदारी कोई नहीं उठा पाया. हालांकि मैंने इसके लिए एलजी से अनुरोध किया है और उन्होंने आश्वासन दिया है. यह मेरा फेल्योर है.
सवाल : आपने हाइवे ग्रिड बनाने की बात कही, इसकी क्या परिकल्पना आपके दिमाग में है?
नितिन गडकरी : हम अलग-अलग ग्रीन हाइवे बना रहे हैं. दिल्ली से कटरा की दूरी कम हो रही है. मेरठ से दिल्ली की दूरी कम हो गई है. इस ग्रिड से शहरों में जाम कम लगेंगे, हादसे कम होंगे.
सवाल : गांवों तक बिजली पहुंच गई है, सरकार नल जल की बात कर रही है, लेकिन किस दिन देश में 100 प्रतिशत कनेक्टिविटी हो जाएगी?
नितिन गडकरी: हम हर दिन 135 गांवों को सड़क से जोड़ रहे हैं. अभी हम ग्रीन नेशनल हाइवे पर काम कर रहे हैं. नए रूट से दिल्ली मुंबई की दूरी 135 किलोमीटर की दूरी कम होगी. हम नए-नए रोड बना रहे हैं. एक लाख 25 हजार किलोमीटर नए रोड बनाने का टारगेट है. गंगा में माल आना-जाना शुरू हो गया है. ब्रह्मपुत्र पर भी काम चल रहा है.
सवाल : 97 प्रतिशत में आप ऑल वेदर इंफ्रास्टक्चर देंगे, बारिश में मुंबई पूरी तरह डूब जाता है, सड़कों को कैसे फूलप्रूफ बनाएंगे
नितिन गडकरी : महानगर के अंदर के रास्ते नगर निगम के होते हैं. मैं केवल राष्ट्रीय राजमार्ग का मंत्री हूं. आपको पता होगा कि नागपुर शहर में हमने गंदा पानी बेच दिया और उससे मिथेन गैस बनाकर वाहन चलाए जा रहे हैं. पानी बहने के लिए, उसका उपयोग करने के लिए खास उपाय कर रहे हैं. दिल्ली के ओखला में भी ऐसे उपाय किए जा रहे हैं. पानी के प्रबंधन के लिए ध्यान देने की जरूरत है. इसीलिए पीएम मोदी जी ने जल शक्ति मंत्रालय बनाया है.
नितिन गडकरी : केवल सरकार के बजट से इतना बड़ा बजट संभव नहीं हो सकेगा. पीपीपी मॉडल से हम रुपये जुटा रहे हैं, इंश्योरेंस फंड, बैंकर्स फंड ला रहे हैं. मुंबई और दिल्ली के बीच हम द्रूत मार्ग बना रहे हैं. 60 हजार करोड़ रुपये पीपीपी मॉडल से आएगा.
नितिन गडकरी : अब हम इलेक्ट्रिक वाहनों पर छूट देने जा रहे हैं. अब इलेक्ट्रिक वाइक और टैक्सी बनेंगी. आने वाले समय में यह बड़ी इंडस्ट्री बनेगी.
नितिन गडकरी : रेलवे में काफी बदलाव आ रहा है, जलमार्ग डेवलप किए जा रहे हैं, उड़ान को लेकर भी हम काफी तैयारी कर रहे हैं. हम अर्बन और रूरल दोनों को बैलेंस करके चल रहे हैं.
नितिन गडकरी : ये 350 लाख करोड़ की इकोनॉमी होगी, मोदी जी के नेतृत्व में हमारी इकोनॉमी दोगुनी हुई है. हमने 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी करने का लक्ष्य रखा है. इंफ्रास्ट्रक्चर में 100 लाख करोड़ रुपये लगाने की हमारी कोशिश होगी.
न्यूज नेशन पर बजट पर चर्चा की शुरुआत हो चुकी है. पहले सत्र में वरिष्ठ एंकर दीपक चौरसिया नीतिन गडकरी के साथ चर्चा की शुरुआत कर रहे हैं.
दरअसल, नीति आयोग ने रेल बजट को आम बजट में समाहित करने की सिफारिश की थी. रेल बजट को पेश करने की परंपरा अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही थी.
इससे पहले एनडीए सरकार ने साल 2017-18 के बजट में रेल बजट को आम बजट में समाहित कर दिया था. सुरेश प्रभु आखिरी रेल मंत्री थे, जिन्होंने रेल बजट पेश किया था.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बार पुरानी रवायत खत्म करते हुए ब्रीफकेस के बदले लाल रंग के कपड़ों में बजट दस्तावेज रखे और बजट को देश का बहीखाता नाम दिया.