Economic Survey 2020: वित्त मंत्री ने संसद के सामने पेश की आर्थिक तस्वीर, जीडीपी ग्रोथ 6-6.5 फीसदी रहने का अनुमान लगाया
Economic Survey 2020 Live Updates: बजट सत्र आज यानि शुक्रवार से शुरू हो चुका है. मोदी (Narendra Modi) सरकार अपने दूसरे कार्यकाल का दूसरा बजट 1 फरवरी को पेश करने जा रही है.
नई दिल्ली:
Economic Survey 2020 Live Updates: बजट सत्र आज यानि शुक्रवार (31 जनवरी 2020) से शुरू हो चुका है. केंद्र की नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार अपने दूसरे कार्यकाल का दूसरा बजट 1 फरवरी को पेश करने जा रही है. केंद्रीय वित्त मंत्री (Finance Minister) निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) भी दूसरी बार आम बजट (Union Budget 2020-21) पेश करेंगी. बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 5 जुलाई 2019 को पहली बार आम बजट पेश किया था.
यह भी पढ़ें: वित्त मंत्री ने संसद के सामने पेश की आर्थिक तस्वीर, जीडीपी ग्रोथ 6-6.5 फीसदी रहने का अनुमान लगाया
वित्त वर्ष 2021 के लिए जीडीपी ग्रोथ अनुमान 6-6.5 फीसदी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक सर्वेक्षण को संसद के पटल पर पेश कर दिया है. उन्होंने वित्त वर्ष 2021 के लिए जीडीपी ग्रोथ 6-6.5 फीसदी रहने का अनुमान जताया है. वित्त मंत्री ने वित्त वर्ष 2020 में जीडीपी ग्रोथ 5 फीसदी रहने का अनुमान जताया है.
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार को ग्रोथ बढ़ाने के लिए कई कदम उठाने होंगे. वित्त वर्ष 2021 में पेट्रोलियम सब्सिडी पर असर पड़ सकता है. वित्त मंत्री ने कहा कि फूड सब्सिडी पर काबू पाने पर जोर दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि भविष्य में घरों की बिक्री बढ़ी तो बैंक और NBFCs को काफी फायदा हो सकता है.
Economic Survey projects economic growth at 6% to 6.5% in 2020-21; Survey asks Government to deliver expeditiously on reforms. pic.twitter.com/QHKn9PcZ4D
— ANI (@ANI) January 31, 2020यह भी पढ़ें: 12 POINTS में जानें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर क्या कहा
चालू वित्त वर्ष में अनुमान से कम टैक्स वसूली संभव
वित्त मंत्री ने कहा कि खाड़ी देशों में तनाव की वजह से कच्चे तेल की कीमतों पर काफी असर पड़ा है. उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष में अनुमान से कम टैक्स की वसूली हो सकती है. चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में ग्रोथ में सुधार दिखाई पड़ सकता है. उन्होंने कहा कि रियल एस्टेट कंपनियों को कीमतों को घटाना चाहिए. ग्लोबल ट्रेंड की चिंताओं की वजह से एक्सपोर्ट पर काफी असर पड़ सकता है.