.

Debit- Credit Card का बदल रहा ये नियम, 1 अक्टूबर से हो रहा लागू

New Debit Credit Card Rule: आरबीआई  (Reserve Bank Of India) की नई गाइडलाइन के मुताबिक नए नियमों का पालन करना सबके लिए अनिवार्य होगा. दरअसल 1 अक्टूबर से ऑनलाइन भुगतान के लिए डेबिट- क्रेडिट कार्ड पर टोकनाइजेशन का नियम लागू होगा.

News Nation Bureau
| Edited By :
27 Sep 2022, 10:47:01 AM (IST)

नई दिल्ली:

New Debit Credit Card Rule: केंद्रीय बैंक आरबीआई  (Reserve Bank Of India) की गाइडलाइन्स के बाद डेबिट- क्रेडिट कार्ड के नियमों में बदलाव होने जा रहा है. नए बदलाव नए महीने की पहली तारीख यानि 1 अक्टूबर से लागू हो जाएंगे. आरबीआई  (Reserve Bank Of India) की नई गाइडलाइन के मुताबिक नए नियमों का पालन करना सबके लिए अनिवार्य होगा. दरअसल 1 अक्टूबर से ऑनलाइन भुगतान के लिए डेबिट- क्रेडिट कार्ड पर टोकनाइजेशन का नियम लागू होगा. इस नियम के तहत सभी ग्राहकों के कार्ड की डीटेल्स को एक टोकन नंबर से सुरक्षित रखना संभव हो जाएगा.

कैसे काम करेगा डेबिट- क्रेडिट कार्ड का नया नियम
दरअसल नए नियम के तहत अब ऑनलाइन खरीददारी के समय विक्रेता, पेमेंट एग्रीगेटर्स और पेमेंट गेटवे ग्राहक के कार्ड की जानकारी स्टोर नहीं कर पाएंगे. यही नहीं पुराने स्टोर किए डाटा को भी हटाकर नए नियम (Card Tokenization) के तहत काम करना होगा.  इसके लिए हर ग्राहक के लिए एक नया और यूनिक टोकन नंबर होगा, जिसका इस्तेमाल किया जाएगा. मर्चेंट ग्राहक के कार्ड की जानकारी टोकन नंबर के रूप में खुद के पास रखेंगे ताकि भविष्य में ग्राहक द्वारा दोबारा खरीददारी में कार्ड की डीटेल्स एक्सेस की जा सके. अभी तक किसी भी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर शॉपिंग करने पर कार्ड की डीटेल्स केवल सीवीवी को छोड़कर मर्चेंट के पास जमा हो जाती थी, हालांकि ग्राहक की यह वित्तीय जानकारी लीक तो नहीं की जाती थी लेकिन सुरक्षा की दृष्टि से यह उचित नहीं था. इसलिए आरबीआई  (Reserve Bank Of India) ने ग्राहकों की बैंकिग से जुड़ी जानकारियों को नए नियम के तहत सुरक्षा दी है.

ये भी पढ़ेंः Petrol- Diesel के नए रेट्स जारी, जानिए कितने बदले आज भाव

ओटीपी के जरिए कर सकेंगे टोकन नंबर जनरेट
नया नियम लागू हो जाने के बाद कार्ड के 16 डिजिट नंबर को शेयर करने की जरूरत नहीं होगी. पेमेंट करते समय 'टोकनाइज योर कार्ड एज पर आरबीआई  (Reserve Bank Of India) गाइडलाइन' के विकल्प पर जाना होना. जहां ग्राहक के रजिस्टर्ड नंबर पर ओटीपी मिलेगा. ओटीपी शेयर करने पर एक टोकन नंबर जनरेट होगा. जिसका इस्तेमाल कार्ड की जानकारियों को शेयर किए जाने की जगह किया जाएगा. टोकन नंबर ही आगे की खरददारी के लिए प्लेटफॉर्म पर सेव रहेगा.