नई दिल्ली, 29 जुलाई (आईएएनएस)। लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर मंगलवार को भी चर्चा जारी है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान कांग्रेस और पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू पर निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि पूर्व पीएम नेहरू ने 30 हजार वर्ग किमी अक्साई चिन चीन को दे दिया।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस और पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू पर 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान अक्साई चिन के 30 हजार वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को चीन को सौंपने का गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने भारत-चीन के बीच हुए युद्ध का जिक्र करते हुए कहा, 1962 में चीन के साथ युद्ध में क्या हुआ? 30 हजार वर्ग किलोमीटर अक्साई चिन चीन को दे दिया गया।
शाह ने नेहरू के अक्साई चिन के बारे में दिए गए बयान का जिक्र किया। उन्होंने कहा, इस तरह की चर्चा उस दौरान सदन में भी हुई। उस पर सदन में जवाहर नेहरू ने कहा कि वहां घास का एक तिनका नहीं उगता, उस जगह का क्या करेंगे? नेहरू जी का सिर मेरे जैसा था। एक संसद सदस्य (त्यागी जी) ने कहा कि आपके (नेहरू) सिर पर भी एक भी बाल नहीं है, तो क्या उसे भी चीन को दे दें?
शाह ने यह भी दावा किया कि नेहरू ने आकाशवाणी पर असम को बाय-बाय कह दिया था। इस बयान पर कांग्रेस सांसदों ने सदन में जमकर हंगामा और नारेबाजी की। जवाब में शाह ने कहा, जोर से बोलकर सच को छिपाया नहीं जा सकता।
अमित शाह यहीं नहीं रुके। उन्होंने नेहरू के एक पत्र का हवाला देते हुए कहा कि अमेरिका ने भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता का प्रस्ताव दिया था, लेकिन नेहरू ने इसे ठुकरा दिया।
शाह ने लोकसभा में चर्चा के दौरान कहा, नेहरू का कहना था कि इससे भारत-चीन संबंध खराब होंगे और चीन जैसे महान देश को बुरा लगेगा। आज चीन सुरक्षा परिषद में है और भारत बाहर है। इसके लिए पीएम मोदी प्रयास कर रहे हैं। इसका कारण जवाहर लाल नेहरू का ये स्टैंड है।
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