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अंबाजी मंदिर से गब्बर तक बनेगा भव्य कॉरिडोर, 50 वर्षीय विजन के साथ होगा अनेक नई सुविधाओं का विकास
(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)
गांधीनगर, 29 जुलाई (आईएएनएस)। अरवल्ली की पर्वतमाला का आध्यात्मिक केंद्र बिंदु यानी श्री अंबाजी माता मंदिर। गुजरात सहित समग्र देश एवं विश्व में विख्यात तथा करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था के प्रतीक अंबाजी यात्राधाम में भाद्रपदी पूर्णिमा मेला सहित सभी पूर्णिमाओं पर और लगभग पूरे वर्ष भी लाखों श्रद्धालु उमड़ते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में और मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में इस यात्राधाम का बहुमुखी विकास होता रहा है और राज्य सरकार अब अंबाजी यात्राधाम को मॉडल टेम्पल टाउन के बेंचमार्क के रूप में विकसित करना चाहती है।
इसके लिए राज्य सरकार ने 1632 करोड़ रुपए का मेगा मास्टर प्लान तैयार किया है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल इस मास्टर प्लान के क्रियान्वयन पर सीधी देखरेख रख रहे हैं, तो युवा, सेवा एवं सांस्कृतिक मामलों के राज्य मंत्री हर्ष संघवी ने भी हाल ही में मास्टर प्लान के क्रियान्वयन को लेकर महत्वपूर्ण बैठक की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने भी अंबाजी के विकास के लिए अनेक सफल प्रयासों का सूत्रपात किया था। नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद ‘विकास भी, विरासत भी’ का मंत्र देकर समग्र देश के आस्था केन्द्रों का अभूतपूर्व विकास अभियान चलाया है। प्रधानमंत्री के इसी मंत्र को आगे बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल भी राज्य के यात्राधामों को श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक अनुभूति का केंद्र बनाने के लिए अनेक कदम उठा रहे हैं।
तद्अनुसार, राज्य सरकार ने बनासकांठा जिले की दांता तहसील में अरवल्ली पर्वतमाला के बीच स्थित अंबाजी माता मंदिर परिसर की आगामी 50 वर्ष की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर यह मास्टर प्लान तैयार किया है, जो दो चरणों में लागू होगा। पहले चरण का कार्य शीघ्र ही शुरू हो जाएगा। मास्टर प्लान के अंतर्गत समग्र अंबाजी यात्राधाम की विभिन्न आवश्यकताओं का समावेश एवं समन्वय किया गया है। इस मास्टर प्लान का उद्देश्य पवित्र स्थलों को एकीकृत कर तथा यात्रियों की सुविधाओं में सुधार कर यात्राधामों के लिए नया मानदंड (बेंचमार्क) स्थापित करना है।
राज्य सरकार के पर्यटन विभाग के अंतर्गत कार्यरत गुजरात पवित्र यात्राधाम विकास बोर्ड इस समग्र मास्टर प्लान पर कार्य कर रहा है। इस मास्टर प्लान के केंद्र में हैं गब्बर पर्वत, जहां माना जाता है कि देवी सती का हृदय है, और अंबाजी माता का मंदिर, जो विशा यंत्र का स्थान है। यह मास्टर प्लान इन दोनों पवित्र स्थलों के आध्यात्मिक रूप से एकीकरण की कल्पना करता है, जिसके अंतर्गत इन दोनों तीर्थस्थलों को भव्य एवं दिव्य रूप से परस्पर जोड़ा जाएगा। इसके लिए अंबाजी मंदिर तथा गब्बर पर स्थित ज्योत के बीच की श्रद्धालुओं की यात्रा को अधिक आध्यात्मिक बनाने के लिए एक इंटरैक्टिव कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा।
गुजरात पवित्र यात्राधाम विकास बोर्ड की ओर से प्राप्त जानकारी के अनुसार अंबाजी मंदिर परिसर के लिए एक कॉम्प्रिहेंसिव तथा सस्टेनेबल मास्टर प्लान तैयार किया गया है, जो पर्यावरणीय जिम्मेदारी को प्राथमिकता देता है और 50 वर्षीय विजन के साथ संरेखित है। यह मास्टर प्लान मौजूदा सुविधाओं को रीडेवलप तथा यात्रियों-श्रद्धालुओं के आगमन अनुभव को एक यादगार यात्रा बनाएगा। माता सती का हृदय स्थल यानी गब्बर स्थित ‘ज्योत’ तथा अंबाजी मंदिर स्थित ‘विशा यंत्र’ जैसे मुख्य दिव्य स्थलों के बीच सुव्यवस्थित, सुरक्षित एवं सुलभ संपर्क (कनेक्टिविटी) सुनिश्चित करने के लिए टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाएगा। चाचर चौक तथा गब्बर मंदिर परिसर जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में विषय आधारित विकास किया जाएगा, जो श्रद्धालुओं के दर्शन अनुभव को और समृद्ध बनाएगा।
अंबाजी नगर की आध्यात्मिक महत्ता एवं सुंदरता को और ऊंचाई देने वाले तथा विश्वस्तरीय आध्यात्मिक विकास के लिए नया ढांचागत मानदंड स्थापित करने वाले इस मास्टर प्लान प्रोजेक्ट का अनुमानित खर्च 1,632 करोड़ रुपए है, जो दो चरणों में लागू किया जाएगा। पहले चरण में लगभग 950 करोड़ रुपए के खर्च से विभिन्न विकास कार्य शीघ्र शुरू हो जाएंगे। इसके अंतर्गत मुख्य आकर्षण है अंबाजी मंदिर तथा गब्बर को जोड़ने वाला शक्ति कॉरिडोर का निर्माण। यह शक्ति कॉरिडोर गब्बर पर्वत, मंदिर तथा मानसरोवर को जोड़ने वाला कॉम्प्रिहेंसिव नेटवर्क होगा। शक्ति पथ द्वारा निर्मित होने वाला एक विशाल शक्ति चौक गब्बर दर्शन चौक से जुड़ेगा।
इसके अतिरिक्त, इसमें देवी सती संबंधी पौराणिक कथाओं का समावेश कर अंबाजी मंदिर क्षेत्र का विस्तार, मंदिर की ओर अंडरपास, आगमन के लिए अंबाजी चौक का विकास, पैदल मार्ग द्वारा मुख्य मार्ग का संचालन, मल्टी लेवल कार पार्किंग तथा यात्री भवन, दिव्य दर्शन प्लाजा व शक्ति पथ, सती घाट विस्तार तथा आगमन प्लाजा (लाइट एंड साउंड शो) शामिल हैं। दूसरे चरण में लगभग 682 करोड़ रुपए की लागत से गब्बर मंदिर तथा परिसर विकास, अंबाजी मंदिर एवं मानसरोवर क्षेत्र विकास और सती सरोवर विकास कार्य किए जाएंगे।
मास्टर प्लान के अंतर्गत यात्रियों की सुरक्षा व सरल आगमन धारा को सुनिश्चित करने के साथ उनकी सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी। चाचर चौक का विकास कर उसका तीन गुना विस्तार किया जाएगा। शक्ति कॉरिडोर में गब्बर पर्वत के साथ जुड़ने वाली गैलरियां, प्रदर्शनी स्थल व पौराणिक कथाएं दर्शाने वाले दीवार चित्र, इवेंट प्लाजा तथा गरबा मैदान विकसित किए जाएंगे। गब्बर पर्वत पर मास्टर प्लान में इस मंदिर के परिसर का विस्तार, परिक्रमा मार्ग, रोपवे तथा दर्शनार्थियों की भीड़ का समन्वय किया जाएगा।
--आईएएनएस
एसके/एएस
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