अमर्यादित टिप्पणी को कभी जस्टिफाई नहीं किया जा सकता : चिराग पासवान

अमर्यादित टिप्पणी को कभी जस्टिफाई नहीं किया जा सकता : चिराग पासवान

अमर्यादित टिप्पणी को कभी जस्टिफाई नहीं किया जा सकता : चिराग पासवान

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IANS
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New Delhi: MPs At Parliament House During Monsoon Session

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

पटना, 4 सितंबर (आईएएनएस)। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी को लेकर राजद नेता तेजस्वी यादव के बयान पर पलटवार किया। उन्होंने कहा कि अमर्यादित भाषा को कभी जस्टिफाई नहीं किया जा सकता है।

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उन्होंने पटना में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि राजनीति में भारतीय भाषाओं की यही खूबसूरती है कि आप कोई भी बात मर्यादित ढंग से बोल सकते हैं। लेकिन, अपशब्द को कभी जायज नहीं ठहराया जा सकता है।

लोजपा (रामविलास) के गुरुवार को मुजफ्फरपुर में आयोजित नवसंकल्प सम्मेलन में भाग लेने के लिए पहुंचे चिराग पासवान ने कहा कि हम लोगों ने शाहाबाद से नव संकल्प की शुरुआत की थी। बिहार के अलग-अलग जिलों में इसका आयोजन किया गया है। इसका मकसद बिहार फर्स्ट और बिहारी फर्स्ट की सोच को जनता तक ले जाना है।

उन्होंने कहा कि हम लोगों ने एकजुट होकर एनडीए की तरफ से गुरुवार को बिहार बंद भी रखा। जिस तरीके से पीएम मोदी के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी को लेकर यह बंद बुलाया गया है, बंद के ठीक बाद इस सम्मेलन का आयोजन किया गया है। सम्मेलन में भी हम लोग इस बात को मजबूती से रखेंगे कि किस तरीके से कांग्रेस और राजद की अमर्यादित भाषा संस्कृति बन गई है।

उन्होंने कहा कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी जिस तरीके से प्रधानमंत्री को लेकर तू-तड़ाक की भाषा इस्तेमाल करते हैं, वह कतई सही नहीं है। नीतियों पर मतभेद कर सकते हैं, लेकिन प्रधानमंत्री के लिए ऐसी भाषा का इस्तेमाल नहीं कर सकते। ऐसी भाषा की तो निंदा की ही जानी चाहिए। लोकसभा चुनाव में भी जनता ने इनका जवाब दिया था और बिहार विधानसभा चुनाव में भी जनता ऐसी भाषा को लेकर जवाब देगी।

जीएसटी स्लैब में बदलाव को लेकर भी प्रधानमंत्री मोदी और वित्त मंत्री सीतारमण को धन्यवाद देते हुए उन्होंने कहा कि इससे लोगों को बहुत राहत मिलेगी।

उन्होंने सीट बंटवारे पर कहा कि गठबंधन के भीतर सीटों के बंटवारे की बात होने के पहले सार्वजनिक रूप से इस पर चर्चा करने का पक्षधर मैं कभी नहीं रहा हूं। गठबंधन के अंदर सीटों का बंटवारा हो जाए, उसके बाद ही सार्वजनिक रूप से इस पर बोलना चाहिए। भरोसा है कि एनडीए में सबकी भावनाओं का ख्याल रखा जाएगा।

--आईएएनएस

एमएनपी/एसके

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