लखनऊ, 26 जून (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश, देश में सर्वाधिक आबादी वाला राज्य है। 2011 की जनगणना के अनुसार प्रदेश की आबादी करीब 20 करोड़ थी। इस आबादी का 60 फीसदी हिस्सा युवाओं का है। इनमें से 65 फीसदी 30 वर्ष और 55 फीसदी 25 वर्ष से कम उम्र के हैं। इनको स्किल्ड बनाकर इनकी उत्पादकता का लाभ अगले दो से तीन दशक तक लिया जा सकता है।
इन्हीं युवाओं को योगी सरकार उनकी क्षमता और रुचि के अनुसार बेहतर प्रशिक्षण देकर स्किल्ड बनाएगी ताकि ये युवा प्रदेश, देश और दुनिया के लिए संसाधन बनें। इनके श्रम की कीमत और गुणवत्ता बढ़े। इसके लिए सरकार इनको एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) से लेकर एग्रीकल्चर सेक्टर में ट्रेनिंग देगी।
यह ट्रेनिंग बेहतरीन शिक्षण संस्थाओं में नामचीन औद्योगिक घरानों की मदद से दी जाएगी। जरूरत हुई तो चुनिंदा युवाओं को योगी सरकार ट्रेनिंग के लिए विदेश भी भेजेगी।
सरकार की मंशा यह है कि आने वाले दिनों में ये युवा उत्तर प्रदेश को देश व दुनिया का मैन्युफैक्चरिंग हब बनाएं। इसकी पूरी संभावना भी है। चंद रोज पहले वर्ल्ड बैंक के अध्यक्ष अजय बंगा उत्तर प्रदेश के दौरे पर आए थे। इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। साथ ही यह भी कहा कि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में यूपी की क्षमता असाधारण है। उनका यह बयान भी यूपी की संभावनाओं को बताता है।
योगी सरकार पहले से ही युवाओं को स्किल्ड बनाने के लिए सरकारी आईटीआई को टाटा की मदद से अपग्रेड कर रही है। योजना के तहत अब तक 149 आईटीआई अपग्रेड हो चुके हैं और 60 के लिए एमओयू प्रक्रिया में है। अब इस कार्यक्रम को सरकारी पॉलिटेक्निक में भी विस्तार दिया जा रहा है। पॉलिटेक्निक की शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए स्टेट इंस्टीट्यूशनल फ्रेमवर्क (एसटीआरएफ) की शुरुआत की जा चुकी है। अपग्रेडेशन के लिए पहले चरण में 45 पॉलिटेक्निक कॉलेजों को चुना गया है। इनमें टाटा की ओर से आधुनिक मशीनें लगाई जाएंगी। साथ ही समय की मांग के अनुसार एआई, डाटा साइंस, रोबोटिक्स जैसे विषयों की भी पढ़ाई होगी। एआई प्रज्ञा के तहत 10 लाख युवाओं को स्किल्ड बनाने का लक्ष्य रखा गया है।
समय की मांग के अनुसार, इसके लिए चयनित युवाओं को एआई मशीन लर्निंग, साइबर सिक्योरिटी, डेटा एनालिसिस आदि की ट्रेनिंग दी जाएगी। इसी क्रम में बुंदेलखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश की खेती-बाड़ी के कायाकल्प के लिए विश्व बैंक की मदद से शुरू यूपी एग्रीज योजना के तहत 10 लाख किसानों को उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। चुने हुए 500 किसानों को ट्रेनिंग के लिए विदेश भी भेजा जाएगा। इस कार्यक्रम से भी कृषि विभाग के अलावा शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास, राजस्व और सचिवालय प्रशासन आदि को भी जोड़ा गया है।
सरकार हर वर्ग के युवाओं की उनके परंपरागत हुनर में दक्षता बढ़ाने के लिए अन्य कार्यक्रम भी चला रही है। कौशल विकास कार्यक्रम, विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना, स्वरोजगार संगम जैसी योजनाएं ऐसी ही हैं।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, आईटीआई एवं कौशल विकास मिशन के तहत अब तक 25 लाख युवाओं को ट्रेनिंग और 10.20 लाख युवाओं को रोजगार मुहैया कराया जा चुका है। इसी क्रम में विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के तहत अब तक तीन लाख 68 हजार से अधिक लोगों को लाभान्वित कराया जा चुका है। योजना के तहत प्रशिक्षण के बाद इनको उनके काम के लिए जरूरी अत्याधुनिक उपकरणों का टूलकिट भी दिया जाता है। स्वरोजगार संगम योजना के तहत अब तक 22 हजार से अधिक युवाओं को ट्रेनिंग दी जा चुकी है।
उल्लेखनीय है कि यूपी 96 लाख एमएसएमई इकाइयों के साथ देश में नंबर एक पर है। इन इकाइयों को स्किल्ड युवाओं की जरूरत भी होती है। इनकी जरूरतों को भी ये युवा पूरा करते हैं। सरकार की इन्वेस्टर्स फ्रेंडली नीतियों के कारण जिस तरह उत्तर प्रदेश में निवेशकों का आकर्षण बढ़ रहा है। नए निवेश आ रहे हैं, उनमें भी ऐसे स्किल्ड युवाओं की जरूरत होगी। इस सबके मद्देनजर और स्थान विशेष एवं उद्योग विशेष के मद्देनजर सरकार युवाओं को ट्रेनिंग दे रही है।
--आईएएनएस
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