अबू धाबी, 11 जून (आईएएनएस)। भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने अपने आधिकारिक संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) दौरे के क्रम में अबू धाबी स्थित भव्य बीएपीएस हिंदू मंदिर का दौरा किया। इस अवसर पर मंदिर प्रशासन ने उनका पारंपरिक रूप से गर्मजोशी भरा स्वागत किया। यह यात्रा भारत-यूएई के बीच बढ़ते सांस्कृतिक और कूटनीतिक संबंधों का प्रतीक मानी जा रही है।
विदेश सचिव के साथ खाड़ी मामलों के संयुक्त सचिव असीम राजा महाजन, यूएई में भारत के राजदूत संजय सुधीर और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे। मंदिर प्रमुख पूज्य ब्रह्मविहारी स्वामी ने हार्मनी वॉल पर पवित्र माला पहनाकर उनका स्वागत किया।
मंदिर में प्रस्तुत किए गए ऑडियो-विजुअल अनुभव द फेयरी टेल ने विक्रम मिस्री को गहराई से प्रभावित किया। यह प्रस्तुति शाश्वत मूल्यों, सद्भाव, सम्मान और एकता को जीवंत रूप से दर्शाती है। उन्होंने विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर के शब्दों को दोहराते हुए कहा, मंदिर की यह कथा वास्तव में एक परी कथा जैसी है।
अपने दौरे में मिस्री ने मंदिर की भव्य वास्तुकला, आध्यात्मिक सौंदर्य और प्रतीकों से सुसज्जित हार्मनी डोम का अवलोकन किया, जिसे ब्रह्मविहारी स्वामी ने ईश्वर और मानवता के बीच सामंजस्य का प्रतीक बताया। टॉलरेंस ट्रीज़ के दर्शन करते हुए उन्होंने यूएई की बहुलतावादी सोच की सराहना की।
गर्भगृह में प्रवेश कर विदेश सचिव ने सात वेदियों पर श्रद्धा के साथ प्रार्थना की और मंदिर के प्रेरणास्रोत परम पूज्य प्रमुख स्वामी महाराज को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने मंदिर को वैश्विक एकता और सांस्कृतिक समझ का शाश्वत प्रतीक बताया।
इस आध्यात्मिक अनुभव से भावुक हुए मिस्री ने कहा, आज मुझे हजारों आशीर्वाद प्राप्त हुए हैं। यह सिर्फ एक इमारत नहीं, बल्कि आस्था, विचारों और मूल्यों की जीवंत अभिव्यक्ति है। यह मंदिर मानवता को जोड़ने वाला अद्वितीय स्मारक है, जिसे हर भारतीय को अवश्य देखना चाहिए।
उन्होंने मंदिर की स्थापत्य कुशलता, इंजीनियरिंग उत्कृष्टता और इसके सार्वभौमिक मूल्यों की विशेष प्रशंसा की और इसे अंतरधार्मिक सौहार्द व सांस्कृतिक संवाद का वैश्विक प्रतीक बताया।
मंदिर यात्रा के अंत में उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायेद अल नहयान के बीच मित्रता और समृद्धि की प्रार्थना की। साथ ही, इस मंदिर के निर्माण में महामहिम के सहयोग के लिए गहरी कृतज्ञता व्यक्त करते हुए कहा कि यह स्मारक दिलों, राष्ट्रों और सभ्यताओं को जोड़ने वाला सेतु है।
--आईएएनएस
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