नई दिल्ली, 8 जुलाई (आईएएनएस)। महाराष्ट्र से ‘भाषा’ को लेकर शुरू हुआ विवाद अब देश की सियासत का केंद्र बन गया है। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने राज ठाकरे को चुनौती देते हुए कहा था कि अगर वे बिहार-यूपी में आएंगे तो उन्हें पटक-पटक कर पीटेंगे। निशिकांत दुबे के इस बयान पर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं।
कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, मैं सिर्फ एक बात कहना चाहता हूं। एक सांसद की भाषा और एक गुंडे की भाषा में अंतर होना चाहिए। यह सांसद या संसद की भाषा नहीं है, यह संसदीय भाषा नहीं है। अगर आपको अपनी बात कहनी है तो शब्दों और विचारों से कहिए, पटक-पटक कर मारना या अभद्र भाषा का प्रयोग करना, यह भारतीय जनता पार्टी की संस्कृति हो सकती है, लेकिन भारत माता की नहीं।
प्रमोद तिवारी ने राजद नेता तेजस्वी यादव के बयान पर कहा, आधार का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट तक गया। सरकार ने जोरदार तरीके से दावा किया था कि आधार कार्ड सभी चीजों के लिए एक केंद्रीकृत आधार है। अब सरकार पीछे हट रही है, जो बेतुका है। हमने इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है और जनता की अदालत में भी चुनौती देंगे। साथ ही संसद में भी उठाएंगे। जिस तरह से भाजपा संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग कर रही है, उसे हम चुनौती देंगे।
बिहार के पूर्णिया में एक ही परिवार के पांच लोगों को जिंदा जलाकर मारे जाने की घटना की कांग्रेस नेता ने निंदा की। उन्होंने कहा, 24 घंटे में 9 हत्याएं, क्या बिहार में जंगलराज के अलावा कुछ बचा है? रोजाना किसी पूंजपति या व्यापारी या फिर साधारण नागरिक की हत्याएं हो रही हैं। मैं पूछता हूं कि क्या नीतीश कुमार जाग रहे हैं या भाजपा ने उन्हें अचेत अवस्था में कर दिया है। हम नीतीश कुमार को काफी वर्षों से जानते हैं, इसलिए उनसे पूछना चाहते हैं कि उन्होंने बिहार में ऐसा क्या कर दिया, जो 9-9 हत्याएं 24 घंटे में हो रही हैं। मैं मांग करता हूं कि नीतीश और भाजपा सरकार को त्यागपत्र देना चाहिए, क्योंकि उनसे बिहार नहीं चल रहा है और जनता आ रही है।
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