आपातकाल का दंश झेलने वाले पूजनीय : मनोहर लाल

आपातकाल का दंश झेलने वाले पूजनीय : मनोहर लाल

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IANS
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Jitan Ram Manjhi

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

फरीदाबाद, 25 जून (आईएएनएस)। केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने बुधवार को कहा है कि आपातकाल के दंश को जिसने भी झेला है, वह पूजनीय है। आपातकाल भारतीय लोकतंत्र पर लगा काला धब्बा है।

हरियाणा के फरीदाबाद में एक कार्यक्रम में मनोहर लाल ने कहा कि आपातकाल देश के लिए एक काले अध्याय की तरह है, लेकिन जिसने भी इसका दंश झेला, वह पूजनीय है। यह वह दौर था, जब भारत माता की जय बोलने वालों को जेल में डाला जाता था। इंदिरा गांधी पर सत्ता का नशा था और इसी वजह से उन्होंने देश को आपातकाल की आग में झोंक दिया।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि लोकतंत्र में जनता सरकार चुनती है। आजादी के बाद महात्मा गांधी ने कांग्रेस को सरकार में न आने की सलाह दी थी। लेकिन, शुरू से ही सत्ता की भूखी कांग्रेस कहां मानने वाली थी। साल 1967 में पहली बार विपक्षी पार्टियों ने सरकार में अपना दखल देना शुरू किया था। लेकिन, 1970 में गरीबी हटाओ का झूठ नारा देकर कांग्रेस ने सत्ता हासिल की। इंदिरा गांधी बोगस वोट से जीती थी। कोर्ट ने उनके छह साल तक चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया। इसी हताशा और सत्ता के नशे में इंदिरा गांधी ने आपातकाल लगा दिया। उस समय के मंत्रिमंडल को भी एक घंटा पहले इसका पता चला।

उन्होंने कहा, आपातकाल के दौरान विपक्षी नेताओं को जेल भेजा गया, प्रेस पर रोक लगाई गई। कांग्रेस अध्यक्ष ने इंदिरा इज इंडिया का नारा दिया था। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने लोकतंत्र बचाने में बड़ी भूमिका निभाई और भूमिगत आंदोलन शुरू किया था। मुझे भी आपातकाल के दौरान काम करने का सौभाग्य मिला। दिल्ली में कार्यकर्ता रवि तनेजा के माध्यम से कागज छपवाए थे।

उल्लेखनीय है कि इंदिरा गांधी ने 25 जून 1975 को देश में आपातकाल लागू किया था। भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में इस दिन को काले अध्याय के रूप में देखा जाता है। इस घटना के 50 साल पूरे होने पर भारतीय जनता पार्टी ने देश भर में संविधान हत्या दिवस कार्यक्रम आयोजित किए।

--आईएएनएस

पीएके/एकेजे

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