पश्चिम बंगाल: सरकारी अधिकारी को तृणमूल विधायक ने फटकारा, सुवेंदु अधिकारी बोले- यही टीएमसी की संस्कृति

पश्चिम बंगाल: सरकारी अधिकारी को तृणमूल विधायक ने फटकारा, सुवेंदु अधिकारी बोले- यही टीएमसी की संस्कृति

पश्चिम बंगाल: सरकारी अधिकारी को तृणमूल विधायक ने फटकारा, सुवेंदु अधिकारी बोले- यही टीएमसी की संस्कृति

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IANS
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Purba Bardhaman: Suvendu Adhikari Inaugurates Statue of Syama Prasad Mookerjee

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

कोलकाता, 17 अगस्त (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने रविवार को तृणमूल कांग्रेस विधायक नरेंद्रनाथ चक्रवर्ती पर जोरदार हमला बोला। एक वीडियो क्लिप साझा कर कहा कि एक सरकारी अधिकारी से जैसा व्यवहार किया गया, वह अफसोसनाक था।

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इस वीडियो में विधायक डीएफओ अनुपम खान को सार्वजनिक तौर पर फटकारते देखे जा सकते हैं।

लंबे-चौड़े एक्स पोस्ट में उन्होंने इसे तृणमूल की संस्कृति का हिस्सा बताया। उन्होंने लिखा, तृणमूल के नेता, विधायक और मंत्री मानते हैं कि सरकारी अधिकारियों में गरिमा या सम्मान जैसी कोई भावना नहीं होती। उन्हें कहीं भी, हर जगह सार्वजनिक रूप से फटकार लगाना और उनके साथ घोर अनादरपूर्ण व्यवहार करना तृणमूल सदस्यों का स्वाभाविक अधिकार प्रतीत होता है।

वीडियो के आधार पर अधिकारी ने आगे लिखा- पंडाबेश्वर विधानसभा क्षेत्र के हेतेदोबा इलाके में वन विभाग की ओर से आयोजित एक वन सृजन कार्यक्रम में, दुर्गापुर के डीएफओ, अनुपम खान को न केवल अन्य अधिकारियों के सामने अपमानित किया गया, बल्कि पंडाबेश्वर के विधायक नरेंद्रनाथ चक्रवर्ती ने उन्हें धमकाया और डराया भी। डीएफओ की गलती? उन्होंने कार्यक्रम के बारे में पहले नरेंद्रनाथ बाबू से बात क्यों नहीं की, क्योंकि नरेंद्रनाथ बाबू एक विधायक हैं! एक विधायक जिसे अपनी सत्ता स्थापित करने के लिए बार-बार विधायक होने का दावा करना पड़ता है!

अफसोस जताते हुए उन्होंने आगे लिखा, दुर्भाग्यपूर्ण पहलू यह है कि पूरी घटना के दौरान, दुर्गापुर के एसडीएम, राज्य प्रशासन के अन्य अधिकारी और गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे, फिर भी किसी ने विधायक नरेंद्रनाथ बाबू के वन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के साथ अपमानजनक व्यवहार का विरोध नहीं किया।

भाजपा नेता के मुताबिक दरअसल, ये तृणमूल कांग्रेस की संस्कृति का हिस्सा है। उन्होंने कहा, क्या तृणमूल विधायक होने के नाते किसी को किसी सरकारी अधिकारी का इस तरह अपमान करने का अधिकार है? उन्हें सबके सामने अपमानित करने का? दरअसल, यही तृणमूल की संस्कृति है। तृणमूल के नेता और मंत्री सरकारी कर्मचारियों को अपना निजी नौकर समझते हैं, और अगर वे अपना कर्तव्य ठीक से निभाते भी हैं, तो सिर्फ उनकी कथित निष्ठाहीनता के लिए उन्हें जानबूझकर अपमानित किया जा सकता है।

--आईएएनएस

केआर/

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

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