नई दिल्ली, 16 जून (आईएएनएस)। भारत ने संचार में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर हासिल किया है। डीआरडीओ-इंडस्ट्री-एकेडेमिया सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, आईआईटी दिल्ली के माध्यम से यह सफल प्रायोगिक प्रदर्शन किया गया है। इस प्रदर्शन में एक किलोमीटर से अधिक दूरी पर क्वांटम एंटेंगलमेंट के माध्यम से फ्री-स्पेस क्वांटम, सुरक्षित संचार स्थापित किया गया। यह ऑप्टिकल लिंक आईआईटी दिल्ली परिसर में स्थापित किया गया था।
क्वांटम एंटेंगलमेंट आधारित ‘क्वांटम की डिस्ट्रीब्यूशन’ पारंपरिक पद्धति की तुलना में अधिक सुरक्षित है। इसमें यदि कोई अवरोधक फोटॉनों को छेड़ने का प्रयास करता है, तो उसकी उपस्थिति का पता चल जाता है। यह तकनीक रक्षा, वित्त, दूरसंचार जैसे रणनीतिक क्षेत्रों में डेटा को अभेद्य सुरक्षा प्रदान करती है। इसके अलावा, फ्री-स्पेस ‘क्वांटम की डिस्ट्रीब्यूशन’ तकनीक ऑप्टिकल फाइबर बिछाने की आवश्यकता को समाप्त करती है, जो कठिन क्षेत्रों और शहरी इलाकों में महंगा और जटिल भी हो सकता है।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक इस प्रयोग के दौरान लगभग 240 बिट्स प्रति सेकंड की सुरक्षित कुंजी दर और 7 प्रतिशत से कम क्वांटम बिट त्रुटि दर प्राप्त हुई। यह एंटेंगलमेंट-सहायता प्राप्त क्वांटम संचार तकनीक, क्वांटम साइबर सुरक्षा, लंबी दूरी की ‘क्वांटम की डिस्ट्रीब्यूशन’ क्वांटम नेटवर्क और भविष्य के क्वांटम इंटरनेट जैसे क्षेत्रों में रियल टाइम अनुप्रयोगों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
यह प्रदर्शन ‘फ्री-स्पेस ‘क्वांटम की डिस्ट्रीब्यूशन’ के लिए फोटोनिक तकनीकों के डिजाइन और विकास’ परियोजना के अंतर्गत किया गया। इसे डीआरडीओ के डायरेक्टोरेट ऑफ फ्यूचरिस्टिक टेक्नोलॉजी मैनेजमेंट की ओर से स्वीकृत किया गया था। प्रदर्शन का नेतृत्व प्रोफेसर भास्कर कंसरी के अनुसंधान समूह द्वारा किया गया। इस अवसर पर डीआरडीओ के महानिदेशक, निदेशक, आईआईटी दिल्ली के डीन और डीआरडीओ प्रयोगशालाओं के वैज्ञानिक भी उपस्थित थे। इससे पूर्व, 2022 में डीआरडीओ और प्रोफेसर भास्कर की टीम ने विंध्याचल और प्रयागराज के बीच भारत की पहली इंटरसिटी क्वांटम संचार लिंक स्थापित की थी। इसके बाद 2024 में 100 किमी के ऑप्टिकल फाइबर स्पूल पर क्वांटम कुंजी वितरण का सफल परीक्षण किया गया।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार ये तकनीकें डीआरडीओ-इंडस्ट्री-एकेडेमिया सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के माध्यम से विकसित की जा रही हैं, जिन्हें देश के प्रमुख संस्थानों जैसे आईआईटी, आईआईएससी और विश्वविद्यालयों में स्थापित किया गया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस उपलब्धि पर डीआरडीओ और आईआईटी दिल्ली को बधाई देते हुए कहा कि भारत एक नए क्वांटम युग में प्रवेश कर चुका है, जो भविष्य के युद्धों में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा। रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. समीर वी. कामत तथा आईआईटी दिल्ली के निदेशक प्रो. रंजन बनर्जी ने भी इस महत्वपूर्ण सफलता के लिए टीम को बधाई दी।
--आईएएनएस
जीसीबी/एएस
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.