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(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)
पोर्ट डिक्सन, 10 सितंबर (आईएएनएस)। पोर्ट डिक्सन (मलेशिया) में बुधवार को आयोजित ईस्ट एशिया समिट प्रिपरेटरी सीनियर अफसरों की बैठक में भारत की ओर से सेक्रेटरी (ईस्ट) पी. कुमारन ने हिस्सा लिया। इस महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता मलेशिया के विदेश मंत्रालय के सचिव जनरल, महामहिम डातो अमरन मोहम्मद जीन ने की। मलेशिया इस वर्ष आसियान का अध्यक्ष देश है।
बैठक में ईस्ट एशिया समिट के सभी सदस्य देशों के वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया। अपने संबोधन में कुमारन ने आगामी 20वें ईस्ट एशिया शिखर सम्मेलन की तैयारियों के प्रति भारत का रचनात्मक समर्थन जताया।
अपने संबोधन में कुमारन ने भारत की ओर से 20वें ईस्ट एशिया शिखर सम्मेलन की तैयारियों को पूरा सहयोग और समर्थन देने की बात कही। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारत इस क्षेत्र में साझा विकास, ऊर्जा सुरक्षा और शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग को लेकर प्रतिबद्ध है।
उन्होंने ईएएस भागीदार देशों को भारत में आयोजित होने वाले दो प्रमुख कार्यक्रमों के लिए भी आमंत्रित किया, जिसमें ईएएस नॉलेज एक्सचेंज वर्कशॉप ऑन एनर्जी एफिशिएंसी पॉलिसीज एंड प्रोग्राम्स (मिशन लाइफ) और ईएएस प्रमुख उच्च शिक्षण संस्थानों का सम्मेलन शामिल है, जो राजगीर, बिहार स्थित नालंदा विश्वविद्यालय में होगा।
इसे लेकर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, एमईए के पूर्व सचिव पी कुमारन ने मलेशिया के पोर्ट डिक्सन में आयोजित ईएएस तैयारी वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक में हिस्सा लिया। उन्होंने आसियान की अध्यक्षता के लिए मलेशिया को अपना प्रबल समर्थन व्यक्त की। एक्ट ईस्ट नीति की आधारशिला के रूप में आसियान की केंद्रीयता और एकता के महत्व को रेखांकित करते हुए, उन्होंने आगामी 20वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन के लिए भारत का समर्थन व्यक्त किया और ईएएस में भाग लेने वाले देशों को बिहार के राजगीर स्थित नालंदा विश्वविद्यालय में आयोजित ऊर्जा दक्षता नीतियों और कार्यक्रमों-मिशन लाइफ पर ज्ञान विनिमय कार्यशाला और उच्च शिक्षा संस्थानों के ईएएस प्रमुखों के सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया।
इस दौरे के दौरान सेक्रेटरी (ईस्ट) ने ऑस्ट्रेलिया, कंबोडिया और मलेशिया के अपने समकक्ष अधिकारियों के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी कीं, जिनमें आपसी सहयोग और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा हुई।
यह मंच एशिया-प्रशांत क्षेत्र में रणनीतिक और राजनीतिक सहयोग को आगे बढ़ाने का एक अहम अवसर माना जाता है।
--आईएएनएस
वीकेयू/एएस
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