रियो डी जेनेरियो, 8 जुलाई (आईएएनएस)। अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की लगातार साख बढ़ रही है। पीएम नरेंद्र मोदी की कूटनीतिक कुशलता ने देश को नई ऊंचाई पर पहुंचाया है। इसका ताजा उदाहरण घाना, त्रिनिदाद और टोबैगो के बाद अब ब्राजील में देखने को मिलेगा, जहां प्रधानमंत्री मोदी को सर्वोच्च सम्मान ‘ग्रैंड कॉलर ऑफ द नेशनल ऑर्डर ऑफ द सदर्न क्रॉस से सम्मानित किया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस वक्त पांच देशों के विदेश दौरे पर हैं। वह इस यात्रा के चौथे पड़ाव में ब्राजील के शहर रियो डी जेनेरिया पहुंचे, जहां उन्होंने 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शिरकत की। पीएम मोदी को ब्राजील में का सर्वोच्च सम्मान मिलेगा। ब्राजील प्रधानमंत्री मोदी को अपना सर्वोच्च सम्मान ‘ग्रैंड कॉलर ऑफ द नेशनल ऑर्डर ऑफ द सदर्न क्रॉस से सम्मानित करेगा।
इससे पहले त्रिनिदाद और टोबैगो ने प्रधानमंत्री मोदी को अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘ऑर्डर ऑफ द रिपब्लिक ऑफ त्रिनिदाद एंड टोबैगो’ से सम्मानित किया। पीएम मोदी त्रिनिदाद और टोबैगो के ‘ऑर्डर ऑफ द रिपब्लिक ऑफ त्रिनिदाद एंड टोबैगो’ से सम्मानित होने वाले पहले विदेशी नेता बन गए। घाना में उन्हें ‘ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द स्टार ऑफ घाना’ सम्मान से सम्मानित किया गया था।
वहीं, अर्जेंटीना की राजधानी ब्यूनस आयर्स में भी प्रधानमंत्री मोदी को एक विशेष सम्मान से नवाजा गया था। उन्हें शहर की की टू द सिटी भेंट की गई, जो भारत और अर्जेंटीना के बीच गहरी दोस्ती और विश्वास का प्रतीक है।
आपको बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने पर्यावरण और वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा पर पूरी दुनिया को एक खास संदेश दिया था। उन्होंने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में पर्यावरण और स्वास्थ्य सुरक्षा जैसे अहम विषयों को प्राथमिकता देने पर खुशी जताई। उन्होंने कहा कि पृथ्वी और मनुष्य का स्वास्थ्य एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। साझा चुनौतियों का हल सिर्फ साझे प्रयासों से ही संभव है। इस दौरान पीएम मोदी ने कोविड महामारी का उदाहरण दिया।
पीएम मोदी ने कहा, ब्रिक्स में पर्यावरण पर चर्चा प्रासंगिक और समयानुकूल है। भारत के लिए क्लाइमेट चेंज और पर्यावरण सुरक्षा हमेशा से प्राथमिकता का विषय रहे हैं। क्लाइमेट चेंज सिर्फ ऊर्जा का विषय नहीं है। ये जीवन और प्रकृति के बीच संतुलन का विषय है।
उन्होंने कहा, जहां कुछ लोग इसे आंकड़ों में मापते हैं, भारत इसे संस्कारों में जीता है। भारतीय सभ्यता और संस्कृति में पृथ्वी को मां का दर्जा दिया गया है। इसीलिए जब पृथ्वी मां पुकारती है तो हम चुप नहीं रहते। हम अपनी सोच, अपने व्यवहार और अपनी जीवनशैली में बदलाव करते हैं।
--आईएएनएस
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