नोएडा, 8 जुलाई (आईएएनएस)। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने यूके और ऑस्ट्रेलिया के नागरिकों को निशाना बनाने वाले साइबर फ्रॉड सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया। ऑपरेशन चक्र-V के तहत सीबीआई ने नोएडा में तीन स्थानों पर रेड मारी, जहां से सिंडिकेट के पार्टनर निशांत वालिया को गिरफ्तार किया गया।
केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने अंतरराष्ट्रीय साइबर क्राइम सिंडिकेट पर नकेल कसी। सीबीआई की छापेमारी के दौरान नोएडा स्पेशल इकोनॉमिक जोन में संचालित फ्रॉड कॉल सेंटर का खुलासा हुआ, जहां से यह गिरोह यूनाइटेड किंगडम और ऑस्ट्रेलिया के नागरिकों को निशाना बनाता था। साथ ही जांच में यह भी पता चला कि ये गिरोह किस तरह से लोगों के साथ ठगी करता था।
विश्वसनीय खुफिया जानकारी के आधार पर सीबीआई ने सिंडिकेट की जांच के लिए आरसी दर्ज किया, जो माइक्रोसॉफ्ट समेत प्रतिष्ठित बहुराष्ट्रीय कंपनियों के तकनीकी सहायता कर्मचारियों के रूप में काम करता था। धोखेबाज विदेशी नागरिकों को यह झूठा दावा करके धोखा दे रहे थे कि उनके उपकरणों से छेड़छाड़ की गई है और गैर-मौजूद तकनीकी मुद्दों को हल करने की आड़ में पैसे ऐंठ रहे थे।
मुकदमा दर्ज करने के बाद सीबीआई ने सिंडिकेट के संचालन और स्थानों का पता लगाने के लिए संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई), राष्ट्रीय अपराध एजेंसी (यूके) और माइक्रोसॉफ्ट कॉर्पोरेशन के साथ मिलकर काम किया। तलाशी के दौरान जांच एजेंसी ने कॉलिंग इंफ्रास्ट्रक्चर, विदेशी नागरिकों को ठगने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली स्क्रिप्ट, धोखाधड़ी और जबरन वसूली से संबंधित दस्तावेज समेत सबूत जब्त किए।
फर्स्टआइडिया नाम से सिंडिकेट का कॉल सेंटर चल रहा था, जिसके पार्टनर निशांत वालिया को गिरफ्तार कर लिया गया। अब उसे सीबीआई अदालत में पेश किया जाएगा। सीबीआई साइबर क्राइम के बढ़ते खतरे से निपटने के लिए प्रतिबद्ध है और ऐसे सिंडिकेट को खत्म करने एवं अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने के लिए घरेलू एवं अंतरराष्ट्रीय भागीदारों के साथ काम करने के अपने संकल्प को दोहराती है।
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