नई दिल्ली, 6 अगस्त (आईएएनएस)। दिल्ली विधानसभा में हाल ही में पेश किए गए स्कूल फीस नियंत्रण से जुड़े भाजपा सरकार के बिल को लेकर आम आदमी पार्टी ने बड़ा हमला बोला है। नेता विपक्ष आतिशी ने आरोप लगाया है कि यह बिल निजी स्कूलों की मनमानी को कानूनी संरक्षण देने के लिए लाया गया है, ताकि वे बेहिचक फीस बढ़ा सकें।
आतिशी ने कहा कि अप्रैल महीने में जब निजी स्कूलों की फीस वृद्धि का मुद्दा उठा, तब भाजपा सरकार ने कहा था कि वह इस पर एक नया कानून लाएगी। लेकिन चार महीने बाद जब यह बिल अगस्त में लाया गया, तब तक निजी स्कूल मनचाही फीस वसूल चुके थे। इस दौरान न तो इस बिल को सार्वजनिक किया गया और न ही अभिभावकों या अन्य पक्षों से कोई राय ली गई।
आम आदमी पार्टी की ओर से विधानसभा में कई संशोधन प्रस्ताव रखे गए हैं, जिनमें प्रमुख हैं- निजी स्कूलों के खातों का ऑडिट अनिवार्य किया जाए और उसकी रिपोर्ट अभिभावकों को भेजी जाए। स्कूल कमेटी में अभिभावकों की संख्या 5 से बढ़ाकर 10 की जाए, और उन्हें चुनाव के माध्यम से चुना जाए। यदि 15 अभिभावक शिकायत करें, तो उनकी शिकायत को अनिवार्य रूप से सुना जाए। सेलेक्ट कमेटी के फैसले से असहमति होने पर अभिभावकों को अदालत जाने का अधिकार दिया जाए।
आतिशी ने कहा कि बिल की मौजूदा स्थिति में न तो स्कूलों के खातों के ऑडिट का कोई प्रावधान है और न ही माता-पिता को स्वतंत्र रूप से शिकायत या कानूनी कार्यवाही करने का अधिकार दिया गया है। यह स्पष्ट रूप से निजी स्कूलों के हितों को साधने वाला कानून है। उन्होंने आगे कहा कि भाजपा के विधायक राजकुमार भाटिया ने भी सदन में माना कि यह बिल निजी स्कूलों को फीस बढ़ाने की छूट देता है। यह बयान स्वयं साबित करता है कि यह कानून अभिभावकों के खिलाफ और स्कूल मालिकों के पक्ष में है।
आप विधायक संजीव झा ने कहा कि यह बिल अभिभावकों और छात्रों की रक्षा नहीं करेगा, बल्कि निजी स्कूलों को मनमानी करने की खुली छूट देगा। वहीं विधायक कुलदीप कुमार ने कहा कि यह बिल स्कूलों की ग़ैरक़ानूनी लूट को क़ानूनी रूप देने के लिए लाया गया है। आम आदमी पार्टी की मांग है कि यह बिल पास न किया जाए और इसे विधानसभा की सेलेक्ट कमेटी को भेजा जाए ताकि इस पर विस्तृत चर्चा हो सके और जनता के हित में संशोधन किए जा सकें।
--आईएएनएस
पीकेटी/डीएससी
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.