मुंबई, 5 जुलाई (आईएएनएस)। महाराष्ट्र में शिवसेना (यूबीटी) और और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) की ओर से शनिवार को विजय उत्सव रैली का आयोजन किया जा रहा है। वर्षों बाद ठाकरे बंधु उद्धव और राज एक ही मंच पर दिखेंगे। कार्यक्रम वर्ली स्थित नेशनल स्पोर्ट्स काम्प्लेक्स के डोम में आयोजित किया गया है।
बता दें, यह रैली महायुति सरकार के कक्षा 1 से 5 तक मराठी और अंग्रेजी के साथ हिंदी शुरू करने के दो सरकारी प्रस्तावों को वापस लेने के फैसले का जश्न मनाने के लिए की जा रही है। 2005 में शिवसेना के विभाजन के बाद ठाकरे बंधुओं की पहली संयुक्त रैली होगी।
बता दें, उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे सुबह 11.30 बजे संयुक्त रैली स्थल पर पहुंचेंगे और एक ही मंच पर नजर आएंगे। इस रैली को कम्युनिस्ट नेता प्रकाश रेड्डी, किसान और श्रमिक पार्टी के नेता जयंत पाटिल भी संबोधित करेंगे।
एनसीपी एसपी सांसद सुप्रिया सुले रैली में इस मुद्दे पर अपने विचार रखेंगी। पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने पूर्व व्यस्तताओं के कारण संयुक्त रैली का हिस्सा बनने में असमर्थता जताई है, लेकिन उन्होंने भी कहा कि पार्टी राज्य में हिंदी थोपने के खिलाफ है।
कांग्रेस ने रैली में शामिल न होने का फैसला किया है। शिवसेना यूबीटी और मनसे सूत्रों ने कहा कि अगर कांग्रेस अंतिम समय में शामिल होने का फैसला करती है तो पार्टी के प्रतिनिधियों को संयुक्त रैली को संबोधित करने का मौका दिया जाएगा।
आयोजकों को बड़ी संख्या में लोगों के आने की उम्मीद है, इसलिए संयुक्त रैली स्थल के अंदर और बाहर बड़ी स्क्रीन लगाई गई है।
इससे पहले, राज ठाकरे ने पहली कक्षा से हिंदी लागू करने के विरोध में शनिवार को गिरगांव से आजाद मैदान तक मोर्चा निकालने की घोषणा की थी। दूसरी ओर, उद्धव ठाकरे ने 7 जुलाई को आजाद मैदान में हिंदी भाषा विरोधी समिति की ओर से आयोजित बैठक में भाग लेने का ऐलान किया था।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने 29 जून को कक्षा एक से हिंदी शुरू करने के दो सरकारी प्रस्तावों को रद्द करने की घोषणा की। इस प्रस्ताव के अनुसार, पहली से चौथी कक्षा तक के विद्यार्थियों को अगर अन्य भाषाएं पढ़ने वाले पर्याप्त छात्र न हों, तो हिंदी को तीसरी भाषा के तौर पर अनिवार्य रूप से पढ़ना होता। फडणवीस ने ऐलान किया कि प्रस्ताव को वापस ले लिया गया है।
उन्होंने राज्य में त्रिभाषी फार्मूले की शुरुआत पर एक रिपोर्ट तैयार करने के लिए पूर्व योजना आयोग के सदस्य नरेंद्र जाधव की अध्यक्षता में एक समिति के गठन की भी घोषणा की।
मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद राज ठाकरे ने मोर्चा रद्द करने का ऐलान किया। इसके बाद, दोनों भाई विजय रैली आयोजित करने पर सहमत हुए। दोनों चचेरे भाइयों ने कहा है कि हिंदी थोपने का मुद्दा खत्म हो गया है क्योंकि नरेंद्र जाधव समिति नियुक्त करने का सरकार का कदम निरर्थक है और वे हिंदी की शुरुआत का विरोध करना जारी रखेंगे।
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