कोलकाता गैंगरेप मामला: जादवपुर यूनिवर्सिटी की गेस्ट फैकल्टी शताब्दी दास बोलीं, 'आरोपियों के खिलाफ हो कड़ी कार्रवाई'

कोलकाता गैंगरेप मामला: जादवपुर यूनिवर्सिटी की गेस्ट फैकल्टी शताब्दी दास बोलीं, 'आरोपियों के खिलाफ हो कड़ी कार्रवाई'

कोलकाता गैंगरेप मामला: जादवपुर यूनिवर्सिटी की गेस्ट फैकल्टी शताब्दी दास बोलीं, 'आरोपियों के खिलाफ हो कड़ी कार्रवाई'

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IANS
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Jadhavpur university fresher death: Ex student remanded to police custody till Aug 22

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

कोलकाता, 8 जुलाई (आईएएनएस)। जादवपुर यूनिवर्सिटी की अंग्रेजी रिसर्च स्कॉलर और गेस्ट फैकल्टी शताब्दी दास ने पश्चिम बंगाल के लॉ कॉलेज में स्टूडेंट के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म मामले पर दुख जाहिर किया।

उन्होंने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में कहा कि एक महिला होने के नाते मैं इस मामले की कड़ी निंदा करती हूं और सरकार से मांग करती हूं कि जो लोग भी इसमें संलिप्त हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि शिक्षण संस्थाओं में महिलाओं को सुरक्षित माहौल मिले।

साथ ही, उन्होंने कहा कि हमारी यूनिवर्सिटी में माहौल पूरी तरह से सुरक्षित है। अगर कोई बाहर का स्टूडेंट यहां पर आने का विचार कर रहा है, तो मैं एक बात स्पष्ट कर देना चाहती हूं कि उसे बिल्कुल भी घबराने की जरूरत नहीं है। हमारे यहां पर सभी लोग अच्छे से रहते हैं। अगर किसी को कोई दिक्कत होती है, तो हम लोग मिलकर यह सुनिश्चित करते हैं कि कैसे उसका निदान किया जाए।

वहीं, उनसे जब पूछा गया कि पश्चिम बंगाल में पिछले कुछ दिनों से जिस तरह महिलाओं के विरुद्ध अपराध बढ़े हैं, उसे लेकर अब माता-पिता अपनी बेटियों को पढ़ाने से बच रहे हैं, तो इस पर शताब्दी दास कहती हैं कि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। यह 21वीं शताब्दी है। हम सभी लोगों को बेटों के साथ-साथ बेटियों की पढ़ाई को भी तरजीह देनी होगी, तभी जाकर समाज में विकास की गति तेज होगी, क्योंकि किसी भी समाज के विकास में बेटी और बेटे दोनों का योगदान समान होता है। ऐसी स्थिति में मुझे नहीं लगता है कि हमें एक-दो ऐसे मामले देखने के बाद अपनी बेटियों को पढ़ाने से बचना चाहिए। हमें बेटियों को पढ़ाना चाहिए। हमारे राज्य के लोगों ने हमेशा से ही बेटियों की पढ़ाई को तरजीह दी है। बेटियां पढ़ेंगी, तभी जाकर देश आगे बढ़ेगा।

शताब्दी दास ने यह भी कहा कि अगर इस तरह के एक-दो मामले प्रकाश में आने के बाद समाज में किसी ने भी बेटियों की पढ़ाई को लेकर अपनी धारणा बदल ली है, तो मैं कहूंगी कि उसे अपने विचार को बदलना चाहिए। ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। पश्चिम बंगाल की महिलाएं सशक्तिकरण का प्रतीक मानी जाती हैं। ऐसे में यहां की बेटियों की पढ़ाई के साथ किसी भी प्रकार का समझौता स्वीकार नहीं किया जाएगा। हम लॉ कॉलेज की घटना की निंदा करते हैं। इस तरह की घटना बर्दाश्त के बाहर है। जादवपुर यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट खुद इस घटना की निंदा करते हैं। हम मांग करते हैं कि लॉ कॉलेज की घटना में संलिप्त आरोपियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए, ताकि अपराधियों के बीच खौफ पैदा हो।

--आईएएनएस

एसएचके/केआर

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