/newsnation/media/media_files/thumbnails/86f6540ebebb14b5e688d588de5a1c23-342674.jpg)
(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)
नई दिल्ली, 16 सितंबर (आईएएनएस)। थोड़ा अजीब लग सकता है कि ज्यादा सोना भी किसी के लिए फायदेमंद हो सकता है। आज के समय में जहां लोग कम सोने को “प्रोडक्टिव” मानते हैं, वहां ये जानकर आपको हैरानी हो सकती है कि कभी-कभी ज्यादा नींद लेना आपके शरीर और दिमाग के लिए किसी वरदान से कम नहीं।
वैज्ञानिक रिसर्च दावा करती है कि थोड़ी ज्यादा नींद आपकी सेहत को और भी बेहतर बना सकती है। दिमाग और मूड दोनों फ्रेश रहते हैं। जब आप भरपूर नींद लेते हैं, तो आपका ब्रेन एक तरह से रीचार्ज होता है। हार्वर्ड मेडिकल स्कूल की रिपोर्ट कहती है कि नींद दिमाग के “डेटा प्रोसेसिंग सेंटर” को फिर से एक्टिव करती है। इससे मूड बेहतर रहता है, फोकस तेज होता है और स्ट्रेस का लेवल कम हो जाता है।
ये तो हम सभी जानते हैं कि गहरी नींद शरीर की सर्विसिंग से कम नहीं है। वो जो सोचते हैं कि आलस का नाम नींद है, थोड़ा ठहरकर सोचें क्योंकि यह शरीर के लिए एक तरह की रिपेयरिंग प्रोसेस है। नींद के दौरान निकलने वाला ह्यूमन ग्रोथ हार्मोन (एचजीएच) आपकी मांसपेशियों की मरम्मत करता है, थकावट हटाता है और शरीर में नई ऊर्जा का संचार करता है।
जर्नल ऑफ स्लीप रिसर्च ने एक शोध में पाया कि आपका इम्यून सिस्टम, यानी रोग प्रतिरोधक तंत्र, नींद के दौरान ही सबसे ज्यादा एक्टिव होता है। जो लोग पर्याप्त नींद लेते हैं, उनका शरीर वायरस और बैक्टीरिया से ज्यादा अच्छी तरह लड़ता है।
कुछ शोधों के अनुसार, जब हम अच्छी नींद लेते हैं, तो हमारा ब्लड प्रेशर और हार्ट रेट नॉर्मल बना रहता है। इससे दिल की बीमारियों का खतरा घटता है और दिल कह उठता है, थैंक्यू!
अगर आप बार-बार खाने की आदत से भी परेशान हैं तो जरा थम जाइए क्योंकि इसका एक कारण अल्प निद्रा यानी जरूरत से कम नींद लेना है। कम नींद लेने से भूख बढ़ाने वाले हार्मोन (घ्रेलीन) का लेवल बढ़ जाता है, जिससे आपको बार-बार भूख लगती है। दूसरी तरफ, अच्छी और थोड़ी ज्यादा नींद लेने से शरीर का मेटाबॉलिज्म संतुलित रहता है, और वजन बढ़ने की संभावना कम हो जाती है।
जैसा कि कहा जाता है, हर चीज की अति खराब होती है। इसी तरह, अगर आप हर दिन 10-12 घंटे से ज्यादा सो रहे हैं और फिर भी थका हुआ महसूस कर रहे हैं, तो ये किसी हेल्थ प्रॉब्लम का संकेत हो सकता है।
डिप्रेशन, थायरॉइड, या स्लीप डिसऑर्डर जैसे कारण भी हो सकते हैं। ऐसे में डॉक्टर का परामर्श जरूरी है।
अगली बार अगर कोई आपसे ये कहे कि नींद आलस का दूसरा नाम है तो तपाक से कहिएगा, नहीं जनाब, ये तो बॉडी और माइंड का हीलिंग प्रोसेस है!
--आईएएनएस
केआर/
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.