मुंबई, 10 जुलाई (आईएएनएस)। महाराष्ट्र सरकार ने गुरुवार को विधानसभा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए ‘महाराष्ट्र विशेष जन सुरक्षा विधेयक 2024’ को प्रस्तुत किया। यह विधेयक मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस द्वारा पेश किया गया, जिसका मुख्य उद्देश्य राज्य में शहरी नक्सलवाद और वामपंथी उग्रवाद से जुड़ी गैरकानूनी गतिविधियों पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित करना है।
सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि बड़े पैमाने पर जनता से मिले सुझावों के आधार पर विधेयक को अधिक पारदर्शी और लोकतांत्रिक मूल्यों के अनुरूप बनाया गया है। संशोधित महाराष्ट्र विशेष जन सुरक्षा विधेयक एक ऐसा कदम है, जो राज्य की सुरक्षा को मजबूती देने के साथ ही नागरिक अधिकारों का संतुलन भी बनाए रखने का प्रयास करता है।
इससे पहले राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने बुधवार को सदन में इस विधेयक पर गठित संयुक्त समिति की रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि समिति ने कुल 5 बैठकें कीं और 12,500 से अधिक जनता के सुझावों को ध्यान में रखते हुए महत्वपूर्ण संशोधन प्रस्तावित किए।
विधेयक में किए गए संशोधन के अनुसार, विधेयक का उद्देश्य अब उग्र वामपंथी विचारधारा से जुड़ी गैरकानूनी गतिविधियों को रोकने तक सीमित कर दिया गया है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि किसी भी राजनीतिक या सामाजिक संगठन पर इसका दुरुपयोग न हो। अब किसी संगठन को अवैध घोषित करने से पहले एक सलाहकार बोर्ड की सहमति अनिवार्य होगी। इसमें उच्च न्यायालय के वर्तमान या सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में जिला न्यायाधीश और पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी महानिरीक्षक (जीपी रैंक) शामिल होंगे। पहले यह जिम्मेदारी पुलिस सब इंस्पेक्टर के पास थी, जिसे अब समिति की सिफारिश पर उप पुलिस अधीक्षक (डिप्टी एसपी) स्तर के अधिकारी को सौंपा गया है।
संयुक्त समिति में जयंत पाटील, नाना पटोले, भास्कर जाधव, जितेंद्र आव्हाड और अंबादास दानवे जैसे प्रमुख विधायक शामिल थे। इन सदस्यों ने विधेयक की संभावित भ्रांतियों को दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
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