नई दिल्ली, 7 जुलाई (आईएएनएस)। बिहार में इस साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य में मतदाता सूची की विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की घोषणा की। राजनीतिक दलों ने चुनाव आयोग के इस फैसले पर आपत्ति जताई है। इस बीच एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया दी।
असदुद्दीन ओवैसी ने सोमवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि विशेष गहन पुनरीक्षण को लेकर हमने इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया को पत्र लिखा था, जिसे लेकर चुनाव आयोग ने मिलने के लिए समय दिया था। इसी क्रम में उनकी मुलाकात चुनाव आयोग से हुई।
उन्होंने कहा कि हमें बिहार में मतदाता सूची विशेष गहन पुनरीक्षण से कोई समस्या नहीं है, लेकिन इसकी टाइमिंग गलत है। इतने कम समय में चुनाव आयोग की इस प्रक्रिया में बहुत वोटर छूट जाएंगे, जो बिहार के बाहर रहते हैं, वे वोट नहीं दे पाएंगे। यही बात हमने चुनाव आयोग के सामने रखी है। हालांकि, उन्होंने अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है।
उन्होंने कहा कि इस मामले में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। हमारी पार्टी भी इस मुद्दे पर बैठकर चर्चा करेगी कि आगे क्या करना है। कोर्ट में जाना है या नहीं, इसका फैसला हम बाद में करेंगे।
ओवैसी ने कहा कि बहुत कम समय में चुनाव आयोग यह प्रक्रिया क्यों करा रहा है, यही सवाल है। बिहार की सरकार राज्य के युवाओं को वहां काम नहीं दिला पाई तो वे बाहर काम करने चले गए। अब अगर वे कागज नहीं दिखा पाए तो मतदान नहीं कर पाएंगे, जो गलत बात है।
उन्होंने कहा कि अगर बिहार में बांग्लादेशी और रोहिंग्या को निकालने के लिए विशेष गहन पुनरीक्षण हो रहा है तो 2024 के चुनाव में हमने क्यों और किसको वोट दिया था? यह भाजपा का झूठ फैलाने का अभियान है। चुनाव आते ही आरएसएस और भाजपा बार-बार सीमांचल को लेकर बात उठाती है, यह भी उनका एजेंडा है।
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