नई दिल्ली, 13 जुलाई (आईएएनएस)। पिछले कुछ दिनों से बिहार की राजधानी पटना सहित कई जिलों में आपराधिक घटनाएं बढ़ी हैं। राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी राजद के अलावा सत्ताधारी एनडीए के नेता भी इस बात को स्वीकार करने लगे हैं। चिराग पासवान की पार्टी लोजपा (आर) के नेता और बिहार की खगड़िया लोकसभा सीट से सांसद राजेश वर्मा ने भी बिहार में अपराध की बढ़ती घटनाओं पर चिंता जताई है।
आईएएनएस से बात करते हुए राजेश वर्मा ने कहा, एनडीए के सहयोगी दल होने के बावजूद हम ईमानदारी पूर्वक स्वीकार करते हैं कि बिहार में अपराध बढ़ा है। कानून-व्यवस्था सुस्त हुई है और इससे इनकार नहीं किया जा सकता। लेकिन, तेजस्वी यादव और पप्पू यादव को सरकार पर प्रश्न उठाने से पहले यह सोच लेना चाहिए कि जब उनकी पार्टी सत्ता में थी, तब राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति कैसी थी।
राजेश वर्मा ने कहा, एनडीए के कार्यकाल में अगर कहीं अपराध होता है, तो अपराधी के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित है। मैं बार-बार कहता हूं कि बिहार में अपराध नियंत्रण के लिए यूपी मॉडल को स्थापित करने की आवश्यकता है। सरकार को जिला के आधार पर अपराधियों की सूची बनानी चाहिए और कार्रवाई करनी चाहिए। जब तक ऐसा नहीं होगा, अपराध पर नियंत्रण नहीं पाया जा सकता है।
लोजपा (आर) सांसद ने कहा कि अपराधियों का मनोबल इस कदर बढ़ चुका है कि राजधानी पटना, जहां मुख्यमंत्री रहते हैं, डीजीपी रहते हैं, मुख्य सचिव रहते हैं, तमाम मंत्री और अधिकारी रहते हैं, वहां प्रत्येक दिन घटनाएं हो रही हैं। लगातार घटती आपराधिक घटनाएं यह दर्शाती हैं कि अपराधियों में प्रशासन और सरकार का खौफ खत्म हो चुका है। अगर सरकार समय रहते अपराधियों के अंदर फिर से खौफ पैदा नहीं करेगी तो राज्य से व्यापारी पलायन करने लगेंगे, इससे राज्य के विकास की गति बाधित होगी।
पिछले एक सप्ताह में राजधानी पटना सहित बिहार के कई जिलों में अपराध बढ़े हैं। पिछले 11 दिनों में कम से कम 31 लोगों की हत्या हुई है। बढ़ते अपराध की वजह से मुख्य विपक्षी पार्टी राजद और इसके सहयोगी दल राज्य की नीतीश सरकार पर हमलावर हैं।
--आईएएनएस
पीएके/एबीएम
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.