पटना, 5 जुलाई (आईएएनएस) । बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले ग्रामीण इलाकों में मतदाता पुनरीक्षण का कार्य चल रहा है। चुनाव आयोग की तरफ से बिहार में चलाए जा रहे अभियान में ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
आईएनएस से खास बातचीत में कैलाश नगर, वार्ड नंबर 4 के राम अवतार बैठा ने कहा, समस्या ये है कि यहां अलग-अलग जगह से लोग आए हुए हैं। आधार कार्ड, राशन कार्ड ही हम लोगों के पास प्रूफ है। इसके आधार पर ही वोटर लिस्ट सत्यापन होना चाहिए।
वहीं, इसी वार्ड के कृष्णा प्रसाद गुप्ता ने कहा, वार्ड नंबर 4 की बस्ती रेलवे की जमीन में बसी हुई है। इसकी वजह से स्थाई आवास प्रमाण पत्र नहीं बन रहा है। मतदाता पुनरीक्षण के वक्त जो डॉक्यूमेंट मांगे जा रहे हैं, उनमें से केवल आधार कार्ड, पहचान पत्र और राशन कार्ड ही मिल पा रहे हैं। अतः सरकार से हम आग्रह करेंगे कि सिर्फ आधार, राशन और पहचान पत्र के आधार पर ही मतदाता पुनरीक्षण किया जाए।
बूथ नंबर 55 से बीएलओ प्रियेश कुमार वर्मा ने बताया कि मतदाता पुनरीक्षण लिस्ट में जो 11 विकल्प दिए गए हैं, उनमें से कुछ दस्तावेज लोगों के पास नहीं हैं। लोगों को हम प्रोत्साहित कर रहे हैं कि जाति और निवास प्रमाण पत्र बनवाएं या 2003 की मतदाता सूची में माता-पिता का नाम हो तो बच्चों का मतदाता पुनरीक्षण करा लें।
उन्होंने मतदाता पुनरीक्षण पर आ रही समस्याओं पर कहा, यहां की सबसे बड़ी समस्या है कि यहां के लोगों के पास जमीन से जुड़े किसी भी प्रकार का कोई कागज नहीं है। ये सभी लोग कहीं दूसरी जगह (बाढ़ प्रभावित इलाके) से आकर बसे हुए हैं। यहां बहुत लोग ऐसे भी हैं जिनके पास मैट्रिक का सर्टिफिकेट भी नहीं है।
उन्होंने आगे कहा कि हम लोगों को इसे पूरा करने के लिए 25 से 26 जुलाई की समय सीमा दी गई है। मुझे बूथ नंबर 55 की जिम्मेदारी दी गई है, जो कैलाश नगर में पड़ता है। यहां कुल मतदाता 1400 हैं, जिनमें से 150 लोगों का वोटर आईडी सत्यापित किया जा चुका है।
--आईएएनएस
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