'दोषियों को सजा मिलनी चाहिए', बेंगलुरु भगदड़ मामले पर बोले संजय निषाद

'दोषियों को सजा मिलनी चाहिए', बेंगलुरु भगदड़ मामले पर बोले संजय निषाद

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IANS
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बैंगलुरु भगदड़ मामले पर बोले संजय निषाद, दोषियों को सजा मिलनी चाहिए

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

लखनऊ, 6 जून (आईएएनएस)। आईपीएल 2025 खिताब जीतने के बाद रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की जीत के जश्न के दौरान मची भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री संजय निषाद ने दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग की है।

संजय निषाद ने कहा, लोकतंत्र में व्यवस्था देना सरकार का काम है। कार्यपालिका इसलिए जनता का पैसा लेती है, ताकि उनको सुरक्षा और सम्मान दे। अगर डॉक्टर, इंजीनियर, अधिकारी बने हैं, तो वे भी जनता के पैसे से पढ़कर बने हैं। अगर आप जनता के पैसों से पढ़कर अधिकारी बने हैं, तो यह आपकी जिम्मेदारी है। सरकारी अधिकारी जनता का होता है। जनता को सुरक्षा देना उसका काम होता है। राजनीति की गद्दी पर जो बैठे हैं, उनकी भी जिम्मेदारी है। अगर आप सुरक्षा और सम्मान की गारंटी दे रहे हैं, और इनमें कमी आती है, तो दोषी ये लोग हैं। निश्चित रूप से इनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। अगर कार्रवाई नहीं होगी, तो ऐसा हमेशा होता रहेगा। आगे घटना न हो, उसके लिए दंड होना चाहिए।

बसपा प्रमुख मायावती का कहना है कि जातिवादी पार्टियां बसपा की बढ़ती ताकत से घबरा गई हैं। हाल ही में मायावती ने आरोप लगाया था कि कुछ लोग जानबूझकर कांशीराम और उनके नाम का इस्तेमाल कर भोले-भाले लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने की कोशिश कर रहे हैं।

संजय निषाद ने बसपा सुप्रीमो मायावती के दलित राजनीति पर दिए बयान पर कहा, मैं उन्हें धन्यवाद दूंगा। वह उस समय आईं, जब कोई दलित खड़ा नहीं हो पाता था। वह चार बार सत्ता में आईं, मैं उन्हें धन्यवाद देता हूं।

संजय निषाद ने कहा कि अनुसूचित जाति अधिनियिम के अंतर्गत 66 समूह आते हैं। आज इन जातियों को ओबीसी में डाल दिया गया, उन्हें ओबीसी में डालकर असुरक्षित कर दिया गया। अगर इन जातियों को सताया जा रहा हो और उन पर स्टे लगाया जा रहा हो, तो यह कैसा अंबेडकरवाद है। बसपा का अंबेडकरवाद तब माना जाएगा, जब इन जातियों को उप-जातियों के साथ लाएं।

निषाद ने कहा, अंबेडकरवादी उसे कहेंगे, जो उनके लिखे संविधान के अंतर्गत आने वाली सभी जातियों को सम्मान दिलाए, न कि उनका हिस्सा खाए। अगर सिर्फ तीन हजार परिवार तीन पर्सेंट का आरक्षण खाएंगे, तो गांव का लेदरमैन ऐसे ही रह जाएगा। ये कहां का अंबेडकरवाद है। इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने रिजर्वेशन में रिजर्वेशन की बात कही है।

वहीं, पाकिस्तान के लोगों पर संजय निषाद ने कहा कि उन्हें भारत में विलय कर लेना चाहिए। उन्होंने कहा, पाकिस्तान वाले आंदोलन करें, दीवार तोड़कर भारत आकर आराम से भारतीय संस्कृति के साथ रहें। भारत के मुस्लिम आज काफी विकास कर रहे हैं। हिंदू-मुसलमान साथ आगे बढ़ रहे हैं। वहां की जनता को अपनी सरकार के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए और भारत के साथ विलय कर लेना चाहिए।

हाल ही में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के चीफ मोहन भागवत ने धर्मांतरण को हिंसा बताया है। इस मामले पर संजय निषाद ने कहा, शिक्षा न होने की वजह से, गरीबी होने की वजह से, लाचारी होने की वजह से, उसका फायदा धर्मांतरण करने वाले उठाते हैं। हमारी शिक्षा समान होनी चाहिए। पूरे देश में सभी को मुफ्त में शिक्षा मिले। सरकार ज्ञान, शिक्षा, रोजगार और पहचान दे, तो गरीबी अपने-आप खत्म हो जाएगी। यह हमारी सरकार कर रही है। 70 साल में पहली बार गरीबी घटी है। शिक्षा का स्तर बढ़ा है, लेकिन शिक्षा के बाजारीकरण से मुक्ति मिलनी चाहिए। भारतीय संस्कृति जैसी दुनिया में कोई संस्कृति नहीं है।

--आईएएनएस

आरएसजी/एकेजे

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