बालासोर, 12 जुलाई (आईएएनएस)। ओडिशा के बालासोर में स्थित फकीर मोहन स्वायत्त महाविद्यालय से बड़ी खबर सामने आई है, जहां छात्रा ने विभागाध्यक्ष (एचओडी) पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए आत्मदाह का प्रयास किया। सौम्यश्री बिसी ने कॉलेज के गेट के सामने अपने ऊपर पेट्रोल डालकर खुद को आग लगा ली, जो इंटीग्रेटेड बीएड के सेकंड ईयर की छात्रा हैं। झुलसी छात्रा को बालासोर मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया, लेकिन बाद में उसे भुवनेश्वर एम्स भेज दिया गया। इस मामले में कॉलेज के प्रिंसिपल दिलीप कुमार घोष और विभागाध्यक्ष समीर कुमार साहू को निलंबित कर दिया गया है। पुलिस ने समीर साहू को गिरफ्तार कर लिया है।
आत्मदाह की कोशिश करने से पहले सौम्यश्री ने कथित दुर्व्यवहार के लिए बीएड विभाग के एचओडी समीर कुमार साहू के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए कॉलेज कैंपस के पास धरना दिया था। शिकायत दर्ज कराने के बावजूद एचओडी के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया गया, जिससे वह काफी निराश थी। इस घटना के बाद सहदेव खूंटा आदर्श थाने की पुलिस ने समीर साहू को गिरफ्तार कर लिया।
इस घटना से छात्रों और लोगों में आक्रोश व्याप्त है। उन्होंने निष्पक्ष जांच और प्रोफेसर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। राज्य सहायक सचिव शुभ्रा संबित नायक ने फकीर मोहन कॉलेज प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए। नायक ने कहा, यह घटना अचानक नहीं हुई। छात्रा पिछले छह महीनों से उत्पीड़न का सामना कर रही थी। पिछले दो वर्षों में कई छात्रों ने इसी प्रोफेसर के खिलाफ शिकायत की थी। बार-बार शिकायत करने के बावजूद कॉलेज के प्राचार्य और प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की।
इस मामले में ओडिशा उच्च शिक्षा विभाग ने फकीर मोहन स्वायत्त महाविद्यालय बालासोर के सहायक प्रोफेसर समीर साहू और प्रिंसिपल दिलीप कुमार घोष को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। यह निर्णय 12 जुलाई को घटित घटना से संबंधित प्रथम दृष्टया साक्ष्यों के आधार पर लिया गया। आदेश में आगे निर्देश दिया गया है कि निलंबन अवधि के दौरान घोष का मुख्यालय बालासोर के कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट के कार्यालय में रहेगा। उन्हें जिला प्रशासन की पूर्व अनुमति के बिना स्टेशन न छोड़ने के निर्देश दिए गए हैं।
बालासोर के पुलिस अधीक्षक राज प्रसाद ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि आरोपी समीर साहू को गिरफ्तार कर लिया गया है और अदालत भेज दिया गया है। हमने महत्वपूर्ण साक्ष्यों की पुष्टि कर ली है। हम कॉलेज की आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) की भूमिका की भी जांच कर रहे हैं, जिसे पीड़िता और अन्य छात्राओं से 30 जून को एक औपचारिक शिकायत मिली थी। पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि क्या आईसीसी ने उचित प्रक्रिया का पालन किया, उसने प्रिंसिपल को क्या निष्कर्ष प्रस्तुत किए और कॉलेज प्रशासन व उच्च अधिकारियों ने शिकायत पर कैसी प्रतिक्रिया दी?
बालासोर के सांसद प्रताप सारंगी ने छात्रा की उत्पीड़न शिकायत पर कथित लापरवाही और कुप्रबंधन पर गहरा दुःख व्यक्त किया है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। सारंगी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि यह घटना काफी समय से चल रही थी, लेकिन हमें इसके बारे में देर से पता चला। मीडिया में खबरें आने के बाद मैंने तुरंत पुलिस से बात की और मुझे आश्वासन दिया गया कि मामले की जांच के लिए एक शिकायत समिति गठित की गई है। समिति को पांच दिनों के भीतर रिपोर्ट देने को कहा गया है।
उन्होंने बताया कि पीड़िता घटना से पांच दिन पहले उनसे मिली थी और अपनी आपबीती सुनाई थी। वह और उसकी दोस्त मुझसे मिलने आई थी। मैंने तुरंत कॉलेज के प्रिंसिपल और संबंधित अधिकारियों को फोन किया। मुझे बताया गया कि आंतरिक समिति इस मामले पर काम कर रही है और जल्द ही इसका समाधान निकल आएगा, लेकिन कुछ नहीं हुआ। सारंगी ने बताया कि छात्रा ने उन्हें बताया था कि वह आत्महत्या के बारे में सोच रही है। मैंने उसे ऐसा कदम न उठाने की सख्त सलाह दी। मैंने उससे कहा कि न्याय होगा और दोषियों को सजा मिलेगी। मैंने उसे हिम्मत बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित किया था।
--आईएएनएस
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