आरक्षण के मुद्दे पर बिहार सरकार गंभीर नहीं है: सांसद मनोज झा

आरक्षण के मुद्दे पर बिहार सरकार गंभीर नहीं है: सांसद मनोज झा

आरक्षण के मुद्दे पर बिहार सरकार गंभीर नहीं है: सांसद मनोज झा

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IANS
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Patna: Manoj Jha's Press Conference

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

पटना, 9 जून (आईएएनएस)। राजद के राज्यसभा सांसद और राष्ट्रीय प्रवक्ता मनोज झा ने सोमवार को आरोप लगाया कि बिहार में 65 प्रतिशत आरक्षण व्यवस्था को लेकर सरकार गंभीर नहीं है। उन्होंने कहा कि बिहार में 65 प्रतिशत आरक्षण व्यवस्था में 16 प्रतिशत हकमारी और अधिकार में की गई कटौती पर विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने चार जून को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखा, लेकिन अब तक पावती रसीद भी नहीं आई है।

पटना में सोमवार को एक प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को वह मिला भी है या नहीं, यह क्यों नहीं बताया जा रहा है। बिहार में परिपाटी हो गई है कि चिट्ठी का जवाब नहीं दिया जाए। इससे स्पष्ट होता है कि बिहार में सरकार जनहित और आरक्षण के मुद्दे पर गंभीर नहीं है।

बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने पत्र में बहुजन आबादी को हक और अधिकार दिलाने तथा आरक्षण व्यवस्था को बढ़ाने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है, लेकिन सरकार इस मामले पर गंभीरता नहीं दिखा रही है। राजद नेता मनोज झा ने आगे कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने जातिगत जनगणना कराने की घोषणा तो कर दी, लेकिन भाजपा की चाल, चरित्र और चेहरा जो हमेशा बहुजन विरोधी और आरक्षण के खिलाफ रहा है, वह अब दिखने लगा।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार देश में होने वाले जातिगत जनगणना के कार्यों में भटकाव लाना चाहती है, आखिर क्या कारण है कि जातियों की गणना तो होगी, लेकिन ओबीसी की आबादी के आंकड़े नहीं जारी किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि जब जातियों के आंकड़े सामने नहीं आएंगे तो निजी क्षेत्र में आरक्षण और आरक्षण बढ़ाने के प्रति कौन सी नीति अपनाई जाएगी? उन्होंने कहा, जिस तरह से भाजपा और केंद्र सरकार का सोच सामने है, उससे स्पष्ट होता है कि ये लोग सामाजिक न्याय की धारा और पिछड़ों तथा अतिपिछड़ों के साथ न्याय नहीं करना चाहते हैं।

--आईएएनएस

एमएनपी/डीएससी

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