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"मेरी गड्डी तो मारुति 800 है", मनमोहन सिंह की सादगी बेमिसाल

"मेरी गड्डी तो मारुति 800 है", मनमोहन सिंह की सादगी बेमिसाल

"मेरी गड्डी तो मारुति 800 है", मनमोहन सिंह की सादगी बेमिसाल

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IANS
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(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 27 दिसंबर (आईएएनएस)। देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अब हमारे बीच नहीं हैं। गुरुवार को दिल्ली एम्स में उनका निधन हो गया। उनकी सादगी, उनके नेतृत्व और उनके व्यक्तित्व की मिसाल दुनिया दे रही है। उनके निजी जीवन से जुड़ी कुछ बातें अब वायरल हो रही हैं, जैसे उनकी पसंदीदा कार – मारुति 800। वह कहते थे कि मुझे इसमें (लग्जरी कार) चलना पसंद नहीं, मेरी गड्डी तो मारुति 800 है।

मनमोहन सिंह के सुरक्षा गार्ड रहे असीम अरुन ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा करते हुए एक दिलचस्प कहानी का जिक्र किया, जिसमें उन्होंने बताया कि मनमोहन सिंह को अपनी मारुति 800 से बेहद लगाव था। असीम अरुण ने लिखा, मैं 2004 से लगभग तीन साल तक डॉ. मनमोहन सिंह का बॉडी गार्ड रहा। एसपीजी में प्रधानमंत्री की सुरक्षा का सबसे अहम हिस्सा होता है – क्लोज प्रोटेक्शन टीम और मुझे इस टीम का नेतृत्व करने का अवसर मिला था। यह वह टीम होती है, जो पीएम से कभी भी अलग नहीं होती और यदि कोई एक बॉडी गार्ड उनके साथ रह सकता है, तो वह वही व्यक्ति होता है।

असीम अरुण ने बताया, डॉ. साहब के पास एक ही कार थी – मारुति 800। प्रधानमंत्री निवास में चमचमाती काली बीएमडब्ल्यू खड़ी रहती थी, लेकिन डॉ. मनमोहन सिंह हमेशा मुझे कहते थे, असीम, मुझे इस कार में चलना पसंद नहीं, मेरी गड्डी तो यह है (मारुति)।

असीम ने आगे कहा कि मैं उन्हें समझाता था कि सर, यह गाड़ी आपके ऐश्वर्य के लिए नहीं है, इसके सिक्योरिटी फीचर्स एसपीजी के द्वारा निर्धारित किए गए हैं। लेकिन, जब कारकेड (सुरक्षा के लिए तैनात कारों का काफिला) के दौरान मारुति 800 सामने से गुजरती, तो वह हमेशा उसे एक नजर देखते। मानो वह संकल्प दोहरा रहे हों कि मैं एक मिडिल क्लास आदमी हूं और मेरी जिम्मेदारी है आम आदमी की चिंता करना। करोड़ों की गाड़ी प्रधानमंत्री की है, लेकिन मेरी तो यह मारुति है।

मनमोहन सिंह की ने हमेशा अपने जीवन को व्यक्तिगत आराम और भौतिकवाद से दूर रखा। उन्होंने हमेशा अपने कर्तव्यों का पालन किया। पूर्व प्रधानमंत्री के कार्यकाल और सादगी को हमेशा याद किया जाएगा।

--आईएएनएस

पीएसके/केआर

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