हजारीबाग, 3 सितंबर (आईएएनएस)। झारखंड के हजारीबाग जिला अंतर्गत इचाक प्रखंड की बरका खुर्द पंचायत में मंगलवार को 67 परिवारों के करीब 200 लोगों ने ईसाई से हिंदू धर्म में ‘घर वापसी’ की। इन्होंने कुछ महीने पहले ईसाई मिशनरियों के प्रभाव और प्रलोभन में आकर धर्मांतरण कर लिया था।
बरका खुर्द स्थित शिव मंदिर में मंगलवार को सनातन समाज की ओर से आयोजित अनुष्ठान में “ऊं” स्वरोच्चारण के बीच वापस हिंदू धर्म में लौटे लोगों का स्वागत पांव धोकर किया गया। घर वापसी करने वाले ज्यादातर परिवार दलित तबके के हैं और इनमें महिलाओं की संख्या सबसे ज्यादा है।
आर्ष कन्या गुरुकुल की आचार्या पुष्पा शास्त्री और गुरुकुल की 20 कन्याओं ने विधि-विधान के साथ इनके सनातन धर्म में वापसी का अनुष्ठान संपन्न कराया। सभी लोगों ने सामूहिक आचमन और यज्ञोपवीत ग्रहण किया।
हिंदू धर्म में वापस लौटी कई महिलाओं ने बताया कि उन्हें पहले सत्संग के नाम पर बुलाया गया और फिर शिव चर्चा के बहाने यीशु चर्चा कर भ्रमित किया गया। इसके लिए उन्हें पैसे दिए गए थे।
विश्व हिंदू परिषद और हिंदूवादी संस्थाओं का कहना है कि ईसाई मिशनरियां कमजोर आर्थिक स्थिति वाले परिवारों को चंगाई सभा के नाम पर प्रलोभन देकर मतांतरण करा रही हैं। बरका खुर्द पंचायत में ईसाई धर्म अपनाने वाले लोगों और ग्रामीणों के बीच कई दौर की बैठकों के बाद कई परिवारों के लोगों ने घर वापसी की इच्छा जताई थी।
मंगलवार को आयोजित अनुष्ठान के दौरान विश्व हिंदू परिषद के प्रांतीय संगठन मंत्री देवी सिंह, प्रांतीय अध्यक्ष चंद्रकांत रायपत, भाजपा जिला अध्यक्ष श्रद्धानंद सिंह, ओबीसी मोर्चा के युवा अध्यक्ष अमरदीप यादव, एबीवीपी के पंकज मेहता, जिला परिषद सदस्य रेणु देवी, बजरंग दल के संयोजक प्रशांत कुमार सिंह सहित हजारों सनातन धर्मावलंबी मौजूद थे।
विश्व हिंदू परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष चंद्रकांत रायपत ने कहा है कि चंगाई सभा के नाम पर हिंदुओं को मतांतरित करने में लिप्त संस्थाओं और व्यक्तियों को चिन्हित कर प्रशासन को तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए। प्रलोभन और छलपूर्वक मतांतरण कराना कानूनी तौर पर अपराध है।
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