ग्रेटर नोएडा, 3 अगस्त (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के एडवाइजर अवनीश अवस्थी और जीएन सिंह ने शनिवार को डिलॉइट कंसलटेंट के प्रतिनिधियों के साथ यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण में भारत सरकार के सहयोग से स्थापित की जा रही उत्तर प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना मेडिकल डिवाइसेज पार्क (एमडीपी) में विकास कार्यों की समीक्षा की।
इस मौके पर प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी कपिल सिंह व ओएसडी शैलेंद्र भाटिया ने यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण क्षेत्र में किए जा रहे विकास कार्यों का प्रस्तुतीकरण किया। विशेषकर मेडिकल डिवाइसेज पार्क में किए जा रहे विकास कार्यों से भी सभी को अवगत कराया गया।
इस दौरान जीएन सिंह द्वारा सुझाव दिया गया कि फ़ूड सेफ्टी के वरिष्ठ अधिकारी को अभी से प्राधिकरण द्वारा अपने साथ जोड़ना चाहिए। फार्च्यून 500 कंपनियों को पत्र भेजकर एमडीपी में इन्वेस्टमेंट व कंपनी स्थापित करने के लिए अनुरोध किया जाए तथा उनके साथ लगातार संपर्क बनाया जाए। इस दौरान प्राधिकरण के अधिकारियों ने नई मेडिकल डिवाइसेज पार्क की योजना से भी सभी को अवगत कराया और एमडीपी के अंतर्गत स्थापित होने वाली इकाइयों को दिये जाने वाले विभिन्न इनसेंटिव्स के बारे में भी बताया गया। साथ ही यह भी बताया गया कि भारत सरकार द्वारा मेडिकल डिवाइसेज पार्क की एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल का मुख्यालय भी प्राधिकरण क्षेत्र में सेक्टर 28 में एमडीपी पार्क में ही स्थापित किया जा रहा है।
इस दौरान अधिकारियों ने मेडिकल डिवाइसेज पार्क में स्थापित हो रही कंपनियों के प्रतिनिधियों धरम देव चौधरी एमडी एविएंस बायोमेडिकल्स, मैन्युफैक्चरिंग ऑफ बायोकेमिस्ट्री, इलेक्ट्रोलाइट एंड अल्ट्रा एनालाइजर, शरद जैन एमडी क्यू - लाइनबियोटेक, कृष बायोमेडिकल मैन्युफैक्चरर ऑफ रेफ्रिजरेटर एंड फ्रीज फार फार्मा इंडस्ट्री से भी मुलाक़ात की।
इस दौरान दोनों कंपनियों के मालिकों द्वारा प्राधिकरण क्षेत्र में स्थापित की जा रही मेडिकल डिवाइसेज पार्क में स्थापित की जा रही अवस्थापना सुविधाओं के लिए सीईओ डॉ. अरुण वीर सिंह का आभार व्यक्त किया। प्राधिकरण कार्यालय में प्रस्तुतीकरण के बाद डेलीगेशन ने स्थलीय निरीक्षण भी किया और मेडिकल डिवाइसेज पार्क सेक्टर 28 में प्राधिकरण द्वारा स्थापित की जा रही अवस्थापन सुविधाओं को भी परखा।
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