नई दिल्ली, 28 सितंबर (आईएएनएस)। दिल्ली सरकार कोरोना महामारी के दौरान जान गंवाने वाले पांच कोरोना योद्धाओं के परिवारों को एक-एक करोड़ रुपये की सम्मान राशि देगी। मुख्यमंत्री आतिशी ने इस संबंध में एक प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
आतिशी ने कहा कि दिल्ली के कोरोना योद्धाओं ने महामारी के दौरान अपनी जान की परवाह किए बिना मानवता और समाज की रक्षा करने का काम किया और अपने जीवन का बलिदान दिया| उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार उनके जज्बे को सलाम करती है। बेशक इस राशि से दिवंगत कोरोना योद्धाओं के परिवार के नुकसान की पूर्ति तो नहीं की जा सकती, लेकिन उनके परिवार को एक सम्मानजनक जीवन जीने का जरिया जरूर मिलेगा।
आतिशी ने कहा कि कोरोना महामारी पूरी मानवता के लिए एक भयानक संकट थी। इस संकट ने सभी के मन में डर-भय पैदा कर दिया था, लेकिन हमारे कोरोना योद्धाओं ने अपनी जान को जोखिम में डालते हुए दिल्ली को इस संकट से उबारने का काम किया। डॉक्टर, मेडिकल स्टाफ, सहायक स्टाफ, सफाई-कर्मचारियों सहित हजारों कोरोना योद्धाओं ने दिन-रात काम करते हुए इस महामारी का सामना किया और कई कोरोना योद्धा लोगों की सेवा करते हुए शहीद हो गए।
उन्होंने कहा कि, सरकार हमेशा कोरोना योद्धाओं के परिवारों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। दिल्ली सरकार अब तक 92 कोरोना योद्धाओं के परिवारों को एक-एक करोड़ रुपये की सहायता सम्मान राशि दे चुकी है।
जिन पांच कोरोना योद्धाओं के परिवारों के लिए इस बार सम्मान राशि स्वीकृत की गई है उनमें संजय मनचंदा कोरोना के दौरान एक पेशेंट केयर फैसिलिटी में बतौर फार्मासिस्ट तैनात थे। वह आशा वर्कर्स और एएनएम के साथ कंटेनमेंट जोन में भी विजिट करते थे। ड्यूटी के दौरान ही वह कोरोना से संक्रमित हुए और कुछ दिन बाद उनका देहांत हो गया।
रवि कुमार मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज में बतौर जूनियर असिस्टेंट तैनात थे। वहां ड्यूटी पर रहते हुए वह कोरोना संक्रमित हुए और उनका देहांत हो गया।
वीरेंद्र कुमार कोरोना के दौरान एक हंगर रिलीफ सेंटर में साफ-सफाई का काम देखते थे। ड्यूटी के दौरान वह कोरोना संक्रमित हुए और कुछ समय बाद उनका देहांत हो गया।
दिल्ली पुलिस में एसआई भवानी चंद्र कोरोना काल में लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात थे। ड्यूटी पर रहते हुए वह कोरोना से संक्रमित हुए और उनका देहांत हो गया।
मोहम्मद यासीन दिल्ली नगर निगम के एक स्कूल में प्राइमरी टीचर थे। कोरोना के दौरान वह राशन वितरण की ड्यूटी पर तैनात थे। इसी दौरान किसी संक्रमित के संपर्क में आने के बाद उन्हें भी संक्रमण हुआ और कुछ समय बाद उनका देहांत हो गया।
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