गुरुग्राम, 7 जून (आईएएनएस)। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने हरियाणा के गुरुग्राम में 2024 में हुए क्लब बम विस्फोट मामले में बड़ी कार्रवाई की है। इस केस से जुड़े तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है जबकि मुख्य आरोपी गोल्डी बराड़ और रणदीप मलिक फरार है।
एजेंसी ने कनाडा निवासी और गैंगस्टर सतिंदरजीत सिंह उर्फ गोल्डी बराड़ समेत पांच लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है।
यह मामला गुरुग्राम के सेक्टर-29 में वेयरहाउस क्लब और ह्यूमन क्लब में 10 दिसंबर 2024 को हुए बम विस्फोट से जुड़ा है।
एनआईए ने गोल्डी बराड़ के अलावा सचिन तालियान, अंकित, भाविश और अमेरिका निवासी रणदीप सिंह उर्फ रणदीप मलिक पर भारतीय दंड संहिता (IPC), शस्त्र अधिनियम, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप लगाए हैं। गोल्डी बराड़ और रणदीप मलिक अभी फरार हैं, जबकि बाकी तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
जांच में एनआईए ने खुलासा किया कि यह हमला बब्बर खालिस्तानी इंटरनेशनल (बीकेआई) नामक प्रतिबंधित आतंकी संगठन की बड़ी साजिश का हिस्सा था। इस साजिश का मकसद हरियाणा और आसपास के इलाकों में बम विस्फोट कर हिंसा फैलाना, लोगों में डर पैदा करना और शांति भंग करना था। जांच से पता चला कि गोल्डी बराड़ और उसके साथियों ने मिलकर इस खतरनाक योजना को अंजाम दिया। ये लोग धन उगाही, आतंकी फंड जुटाने, हथियार और विस्फोटक खरीदने और देश की एकता, सुरक्षा और आर्थिक स्थिरता को नुकसान पहुंचाने की कोशिश में जुटे थे।
एनआईए के मुताबिक, आरोपियों ने गुरुग्राम के इन क्लबों को निशाना बनाकर सांप्रदायिक तनाव बढ़ाने की कोशिश की। आतंकवाद विरोधी एजेंसी ने कहा कि वह इस मामले की जांच को और गहराई से आगे बढ़ा रही है, ताकि इस साजिश के पीछे के पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश हो सके।
एनआईए ने कहा कि ऐसे आरोपियों को कठोर सजा दिलाई जाएगी, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।
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