Advertisment

'जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने से मिला नागरिकता का अधिकार, सात दशक से थे वंचित'

'जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने से मिला नागरिकता का अधिकार, सात दशक से थे वंचित'

author-image
IANS
New Update

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

Advertisment

दिल्ली, 4 अगस्त (आईएएनएस)| वर्ष 2019 की 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया गया। अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के ऐतिहासिक फैसले ने जम्मू-कश्मीर की एक बड़ी आबादी को नागरिकता का अधिकार दिलाया है। ये लोग सात दशकों से नागरिकता से वंचित थे। यहां बेकार पड़े प्राकृतिक व मानव संसाधनों का उभार हुआ है। लोकतंत्र, शासन, विकास और सुरक्षा की स्थिति पर बदलाव हुआ है। येे बातें  रविवार को जम्मू कश्मीर से आने वाले केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कही।

सिंह के मुताबिक अनुच्छेद 370 निरस्त होने के बाद जम्मू और कश्मीर भारत की भावी विकास यात्रा का पथ प्रदर्शक बनकर उभरेगा। अनुच्छेद 370 के निरस्त होने की पांचवीं वर्षगांठ की पूर्व संध्या पर सिंह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में इसका ताजा उदाहरण भद्रवाह से शुरू हुई बैंगनी क्रांति है, जिसने भारत को कृषि-स्टार्टअप की एक नई शैली दी है। बैंगनी क्रांति यानी लैवेंडर की खेती, डोडा जिले के एक छोटे से शहर भद्रवाह में शुरू हुई। इसने राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई है, यह भारत की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देगी।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, अनुच्छेद 370 खत्म करने की पांचवीं वर्षगांठ पर कुछ महत्वपूर्ण घटनाक्रम बेहद उल्लेखनीय हैं। पिछले 5 वर्षों में मोटे तौर पर चार स्तरों यानी लोकतंत्र, शासन, विकास और सुरक्षा स्थिति पर बदलाव हुआ है।

लोकतांत्रिक स्तर पर जम्मू-कश्मीर में बसने वाले पाकिस्तानी शरणार्थियों को सात दशकों तक मताधिकार से वंचित रखा गया, जबकि उनमें से दो लोग भारत के प्रधानमंत्री बने, इनमें आई.के. गुजराल और डॉ. मनमोहन सिंह शामिल हैं।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने पूर्ववर्ती सरकारों की आलोचना करते हुए कहा कि वे अनुच्छेद 370 के समर्थक होने का दिखावा करते रहे, लेकिन वास्तव में वे अपने निहित स्वार्थों के लिए आम जनता का शोषण करने के लिए अनुच्छेद 370 का दुरुपयोग करते थे। उन्होंने उदाहरण दिया कि कैसे आपातकाल के दौरान सभी राज्य विधानसभाओं का कार्यकाल 5 से बढ़ाकर 6 वर्ष कर दिया गया था। फिर 3 वर्षों के बाद, मोरारजी सरकार ने इसे 5 वर्ष कर दिया, लेकिन जम्मू-कश्मीर की तत्कालीन सरकार ने पहले केंद्रीय कानून को अपना लिया, मगर अनुच्छेद 370 का बहाना बनाकर दूसरे कानून को नजरअंदाज कर दिया और जम्मू-कश्मीर विधानसभा का कार्यकाल 5-6 अगस्त, 2019 तक छह वर्ष ही रहने दिया। यह दर्शाता है कि कैसे कुछ लोगों ने अपने निहित स्वार्थों के लिए अनुच्छेद 370 का दुरुपयोग किया।

जितेंद्र सिंह ने कट्टरपंथियों और उनके समर्थकों के बारे में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने सख्त निर्णायक रुख अपनाया है और जिन लोगों का नई दिल्ली में पाक दूतावास अतिथि के रूप में स्वागत करता था, उन्हें अब दिल्ली की तिहाड़ जेल में रखा जा रहा है, जो दर्शाता है कि सरकार भारत विरोधी गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं करती है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रीय ध्वज फहराना कभी कई लोगों के लिए एक सपना जैसा था लेकिन, अब जम्मू-कश्मीर में हर सरकारी कार्यालय पर तिरंगा फहराया जाता है। शासन स्तर पर, डॉ. जितेंद्र सिंह ने याद दिलाया कि पंचायत अधिनियम के 73वें और 74वें संशोधन को केंद्र की कांग्रेस सरकार ने पेश किया था, लेकिन राज्य की उसी गठबंधन सरकार ने इसे जम्मू-कश्मीर में लागू नहीं किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में लोकतांत्रिक विकेंद्रीकरण नहीं हो सका, क्योंकि 2019 से पहले उनके पास केंद्रीय निधि उपलब्ध नहीं थी।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने प्रदेश में सुरक्षा और शांति के संदर्भ में कहा कि हम आतंकवाद के अंतिम चरण में हैं। पिछले दशक में और खासकर अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद पिछले 5 वर्षों में केंद्र सरकार आतंकवाद को रोकने में सफल रही है। पिछले दो वर्षों में करीब 2.5 करोड़ घरेलू और अंतरराष्ट्रीय पर्यटक कश्मीर आए हैं।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि जम्मू-कश्मीर के युवा अत्यधिक आकांक्षी हैं और यहां के छात्रों का हालिया प्रदर्शन शानदार रहा है। सिविल सेवा, खेल, उच्च शिक्षा आदि में उनकी प्रतिभा निखर कर सामने आई है। यह इस बात का प्रमाण है कि कई वर्षों से इनकी आकांक्षाएं दबी हुई थीं। युवाओं ने उम्मीद खो दी थी, लेकिन, अब उनकी आकांक्षाएं फिर से प्रज्वलित हो गई हैं। इससे उनका आत्मविश्वास बढ़ा है।

उन्होंने कहा कि चिनाब नदी पर दुनिया का सबसे ऊंचा रेल पुल जम्मू-कश्मीर में मौजूद है। क्षेत्र में शांति और विकास का श्रेय प्रधानमंत्री मोदी को जाता है, जिन्होंने लोगों में विश्वास जगाया और आश्वासन दिया कि जम्मू-कश्मीर देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा और मुकुट रत्न की तरह चमकेगा।

--आईएएनएस

जीसीबी/सीबीटी

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Advertisment
Advertisment
Advertisment