पटना, 31 जुलाई (आईएएनएस)। लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और रामविलास पासवान के छोटे भाई पशुपति पारस ने बुधवार को 2025 विधानसभा चुनाव की रणनीतियों पर चर्चा करने के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के साथ मीटिंग की।
मीटिंग का मुख्य मुद्दा पार्टी का भविष्य में चुनावी रुख कैसा हो, इस पर था। इस मीटिंग में यह तय हुआ कि पार्टी फिलहाल एनडीए गठबंधन से ही चुनाव लड़ेगी।
मीटिंग के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पशुपति पारस ने कहा, “हम लोगों ने पूरी ईमानदारी से बिहार ही नहीं पूरे देश में जहां भी एनडीए उम्मीदवार थे, उन्हें समर्थन दिया। आज की कार्यसमिति की बैठक इसलिए बुलाई गई थी कि 2025 में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं, इस पर हम अपने कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों से राय ले रहे हैं। एक सितंबर से पूरे बिहार में अभियान चला कर हम संगठन को मजबूत करेंगे। हम विधानसभा चुनाव के लिए 243 सीटों पर तैयारी करेंगे”
बिहार में चतुर्थ कर्मचारियों की भर्तियों में एससी-एसटी कोटे पर उन्होंने कहा, “आज की मीटिंग में यह फैसला लिया गया है कि पूरे बिहार में अभी तक पासवान जाति के जमादार, चौकीदार थे, उनकी आगामी भर्ती के लिए आरक्षण को हटा दिया गया है। पासवान समाज इस बात को बर्दाश्त नहीं करेगा।”
बता दें, लोक जनशक्ति पार्टी चाचा-भतीजे की राजनीति में बंट गयी है। बंटवारे के बाद मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में पशुपति पारस को केंद्रीय मंत्री बनाया गया, लेकिन इसके बाद इस लोकसभा चुनाव में उन्हें एनडीए गठबंधन की ओर से एक भी सीट नहीं दी गई। जबकि चिराग पासवान को 5 सीटें दी गईं। चिराग की पार्टी ने पांचों सीटें जीत लीं। इसके अलावा पटना का पार्टी कार्यालय भी चिराग पासवान की पार्टी को दे दिया गया।
पशुपति पारस का कहना है कि वो 1 सितंबर से पार्टी को आगे बढ़ाने के लिए पूरे प्रदेश में अभियान चलाएंगे। उनकी तैयारी बिहार की 243 सीटों पर चुनाव लड़ने की होगी। इसके अलावा विधानसभा चुनाव के बाद जो भी पार्टी उन्हें उचित सम्मान देगा, वह उस पार्टी के साथ जाएंगे।
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