2030 तक 100 बिलियन डॉलर तक पहुंचेगा भारत-रूस द्विपक्षीय व्यापार: एस जयशंकर

2030 तक 100 बिलियन डॉलर तक पहुंचेगा भारत-रूस द्विपक्षीय व्यापार: एस जयशंकर

2030 तक 100 बिलियन डॉलर तक पहुंचेगा भारत-रूस द्विपक्षीय व्यापार: एस जयशंकर

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IANS
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2030 तक 100 बिलियन डॉलर तक पहुंचेगा भारत-रूस द्विपक्षीय व्यापार: एस जयशंकर

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

मॉस्को, 19 नवंबर (आईएएनएस)। विदेश मंत्री एस. जयशंकर इन दिनों रूस की यात्रा पर हैं। उन्होंने बुधवार को येकातेरिनबर्ग और कजान में भारत के महावाणिज्य दूतावासों के उद्घाटन के अवसर पर कहा कि ये वाणिज्य दूतावास 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक बढ़ाने के हमारे संयुक्त प्रयासों में योगदान देंगे।

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इस दौरान विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि यह हमारे लिए एक महत्वपूर्ण दिन है, जब हम इस देश में दो और महावाणिज्य दूतावास खोल रहे हैं।

उन्होंने कहा कि पिछले कुछ महीनों में इन वाणिज्य दूतावासों की स्थापना के लिए निरंतर कार्य चल रहा है, इसलिए सबसे पहले मैं रूसी सरकार से मिले समर्थन की सराहना करता हूं।

विदेश मंत्री ने कहा कि येकातेरिनबर्ग को अक्सर अपने औद्योगिक महत्व के कारण रूस की तीसरी राजधानी कहा जाता है और यह साइबेरिया का प्रवेश द्वार है। भारी इंजीनियरिंग, रत्न-कटाई, रक्षा निर्माण, धातु विज्ञान, परमाणु ईंधन, रसायन और चिकित्सा उपकरणों के लिए प्रसिद्ध यह क्षेत्र रूस में इन्नोप्रोम जैसे सबसे प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक मंचों में से एक की मेजबानी करता है।

उन्होंने कहा कि वाणिज्य दूतावास के खुलने से भारतीय और रूसी उद्योगों के बीच तकनीकी, वैज्ञानिक, आर्थिक और व्यापारिक सहयोग को सक्षम और मजबूत बनाने में मदद मिलेगी।

जयशंकर ने कहा कि कजान रूस के सबसे आकर्षक शहरों में से एक है। यह क्षेत्र एक बहु-सांस्कृतिक और बहु-जातीय केंद्र है और रूस और शेष एशिया के बीच एक सेतु का काम करता है। यह वाणिज्य दूतावास, अंतर-सांस्कृतिक आदान-प्रदान और आईटीईसी भागीदारी को प्रोत्साहित करके लोगों के बीच संबंधों को मजबूत करने में मदद करेगा। कजान अपने तेल उत्पादन और शोधन, उर्वरकों, ऑटोमोबाइल, रक्षा निर्माण, फार्मास्यूटिकल्स और विद्युत उपकरणों के लिए प्रसिद्ध है। मुझे विश्वास है कि दो नए वाणिज्य दूतावासों के खुलने से भारत-रूस संबंध और मजबूत होंगे और यह निश्चित रूप से हमारे संबंधों में एक नए चरण की शुरुआत करेगा।

जयशंकर ने कहा कि रूस में एक बड़ा और विविध भारतीय प्रवासी समुदाय है, जिसमें आज 30,000 से ज्यादा भारतीय छात्र शामिल हैं। इनमें से लगभग 7000 लोग कजान में भारतीय महावाणिज्य दूतावास के अधिकार क्षेत्र में रहते हैं और 3000 लोग येकातेरिनबर्ग के अधिकार क्षेत्र में रहते हैं, और मुझे विश्वास है कि भारतीय प्रवासी, व्यापारिक समुदाय, और विशेष रूप से हमारे युवा छात्र इन दोनों क्षेत्रों में भारत की वाणिज्य दूतावास सेवाओं और राजनयिक उपस्थिति से लाभान्वित होंगे।

उन्होंने कहा कि मुझे पूरा यकीन है कि इन वाणिज्य दूतावासों के खुलने से न केवल रूस में हमारी राजनयिक उपस्थिति बढ़ेगी, बल्कि यह व्यापार, पर्यटन, आर्थिक, वैज्ञानिक, तकनीकी, और यहां तक कि हमारे दोनों देशों के बीच शैक्षणिक और सांस्कृतिक संबंधों को और बढ़ावा देने में भी उत्प्रेरक का काम करेगा।

--आईएएनएस

एमएस/डीकेपी

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

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