नई दिल्ली, 22 सितंबर (आईएएनएस)। गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) को मोदी सरकार के सबसे बड़े आर्थिक सुधारों में से एक माना जाता है। इससे अप्रत्यक्ष कर (टैक्स) प्रक्रिया आसान हुई है।
इस कारण जीएसटी कलेक्शन में भी साल दर साल इजाफा हो रहा है। अगस्त 2024 में जीएसटी कलेक्शन 1.75 लाख करोड़ रुपये था। इसमें सालाना आधार पर 10 प्रतिशत की वृद्धि देखने को मिली है, पिछले साल अगस्त में जीएसटी कलेक्शन 1.59 लाख करोड़ रुपये था।
जीएसटी प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए केंद्र सरकार लगातार काम कर रही है, क्योंकि इससे लॉजिस्टिक लागत कम करने में और व्यापार करने में आसानी हो रही है। इसे ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार की ओर से जीएसटी प्रक्रिया के सरलीकरण पर ध्यान दिया जा रहा है।
आम बजट 2024 में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने टैक्स कानूनों के सरलीकरण और टेक्नोलॉजी के अपनाने पर जोर दिया। केंद्रीय वित्त मंत्री ने बजट 2024 में संकेत दिया कि जीएसटी 2.0 आने से व्यापार की संभावनाओं को अनलॉक करने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही बिजनेस के लिए अनुकूल माहौल बनाने में मदद मिलेगी।
टैक्स जानकारों का कहना है कि भारत में जीएसटी 2.0 आने से बड़ा बदलाव होगा। यह केवल जीएसटी कानूनों का अपडेट ही नहीं होगा, बल्कि इससे जीएसटी सिस्टम अधिक पारदर्शी, सरल और बिजनेस फ्रेंडली हो जाएगा। इसके आने से उद्योगों की ओर से लंबे समय से की जा रही मांगे जैसे टैक्स सरलीकरण आदि का भी निदान हो सकता है।
जीएसटी 2.0 से टैक्स की प्रक्रिया आसान होगी। इससे तेज वृद्धि दर को सहारा मिलेगा और वैश्विक स्तर पर भारत की प्रतिस्पर्धा क्षमता बढ़ेगी। वित्त वर्ष 2024-25 के पहले पांच महीने में जीएसटी कलेक्शन सालाना आधार पर 10.1 प्रतिशत बढ़कर 9.14 लाख करोड़ रुपये हो गया है। वित्त वर्ष 2023-24 में कुल जीएसटी कलेक्शन 20.18 लाख करोड़ रुपये रहा था। इसमें इससे पहले के वर्ष के मुकाबले 11.7 प्रतिशत की बढ़त देखने को मिली थी।
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