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राष्ट्रीय पोषण सप्ताह: भारत में लगभग 16.6 फीसदी आबादी कुपोषण से पीड़ित

राष्ट्रीय पोषण सप्ताह: भारत में लगभग 16.6 फीसदी आबादी कुपोषण से पीड़ित

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IANS
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(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

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नई दिल्ली, 1 सितंबर (आईएएनएस)। सभी के लिए पौष्टिक आहार थीम के साथ इस बार राष्ट्रीय पोषण सप्ताह मनाया जा रहा है। जो पोषण की महत्ता समझाता है। बताता है कि भारत जैसे विकासशील देश में ज्यादातर लोग इस बात से अनजान हैं कि विटामिन और मिनरल्स समेत उनके शरीर को आखिर किन-किन चीजों की जरूरत है।

पोषण संबंधी आवश्यकताओं की समझ बढ़ाने के लिए भारत में हर साल 1 सितंबर से लेकर 7 सितंबर तक ‘राष्ट्रीय पोषण सप्ताह’ मनाया जाता है। इस सप्ताह सरकारी कर्मचारियों आम लोगों को पोषण संबंधी जरूरतों के प्रति जागरूक करते हैं।

इस सप्ताह का उद्देश्य लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के साथ-साथ उन्हें इस बारे में बताना है कि आखि‍र पौष्टिक आहार का हमारे जीवन में कितना महत्व है।

आज देश की एक बहुत बड़ी आबादी को पता ही नहीं है कि एक स्वस्थ शरीर के लिए किन-किन पोषण तत्वों की जरूरत होती है।

पोषण सप्ताह की शुरुआत संयुक्त राज्य अमेरिका में अमेरिकन डायटेटिक्स एसोसिएशन (अब एकेडमी ऑफ न्यूट्रिशन एंड डायटेटिक्स) ने मार्च 1973 में की थी।

हालांकि भारत में इसकी शुरुआत 1982 से की गई, क्‍योंकि इस दौरान देश में सबसे ज्‍यादा बच्‍चे कुपोषण से जूझ रहे थे। इस समस्‍या से देश को उबारने के लिए राष्ट्रीय पोषण सप्ताह मनाने का फैसला किया गया।

इस सप्ताह देशभर में सरकार की ओर से जागरुकता शिविरों का आयोजन किया जाता है।

आंकड़ों की बात करें तो भारत में आज भी पांच साल से कम उम्र के करीब 3 करोड़ बच्चे कुपोषित हैं। ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2023 में भारत को 125 देशों की सूची में 111वें स्थान पर रखा गया था। भारत में लगभग 16.6 फीसदी आबादी कुपोषण की समस्‍या से जूझ रही है।

भारत में पांच साल से कम उम्र के 35.5 फ़ीसदी बच्चों का सही से विकास नही हो पाता है। वहीं पांच साल से कम उम्र के बच्चों में मृत्यु दर भी 3.1 फ़ीसदी दर्ज की गई।

डब्ल्यूएचओ की मानें तो भारत में हर साल कुपोषण के कारण पांच साल से कम उम्र के बच्चों की मौत का आंकड़ा लगभग 10 लाख से भी ज्‍यादा है।

वहीं, देश की आधी आबादी भी पूर्ण पोषण आहार लेने में पीछे हैं। अक्सर अपनी जिम्मेदारियां निभाते निभाते महिलाएं अपनी तरफ ध्यान ही नहीं दे पाती। घर परिवार की फिक्र में सेहत को नजरअंदाज कर देती हैं। इस बात से भी अनजान रहती हैं आखिर उनके भोजन में किन पोषक तत्वों का होना जरूरी है।

अपने भोजन में किन-किन जरूरी पोषण तत्‍वों की जरूरत है। हमें रोजमर्रा के भोजन से सभी विटामिन और मिनरल्स नहीं मिल पाते, जिनकी हमारे शरीर को जरूरत होती है। ऐसे में डॉक्टर कई तरह की दवाएं या सप्लीमेंट खाने की सलाह देते हैं।

खाद्य सुरक्षा 2023 रिपोर्ट की मानें तो लगभग 74 भारतीय आबादी स्वस्थ आहार का खर्च नहीं उठा सकती और 39 लोग पोषक तत्वों की कमी से जूझ रहे हैं। ऐसे में इस सप्ताह की जरूरत और भी बढ़ जाती है।

--आईएएनएस

एमकेएस/केआर

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

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