चीन ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मध्य अफ्रीकी देशों को सुरक्षा खतरों से निपटने में मदद करने का आग्रह किया

चीन ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मध्य अफ्रीकी देशों को सुरक्षा खतरों से निपटने में मदद करने का आग्रह किया

चीन ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मध्य अफ्रीकी देशों को सुरक्षा खतरों से निपटने में मदद करने का आग्रह किया

author-image
IANS
New Update
प्रतीकात्मक तस्वीर

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

बीजिंग, 10 जून (आईएएनएस)। संयुक्त राष्ट्र में चीन के उप स्थायी प्रतिनिधि सुन लेइ ने मध्य अफ्रीका पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक खुली बैठक में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से मध्य अफ्रीकी देशों को मौजूदा सुरक्षा खतरों से निपटने और गंभीर मानवीय चुनौतियों का जवाब देने में तत्काल सहायता प्रदान करने का आग्रह किया।

सुन लेइ ने बैठक में चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि मध्य अफ्रीकी क्षेत्र में सुरक्षा संबंधी चुनौतियां लगातार बनी हुई हैं। लेक चाड बेसिन में हिंसा में कमी आने के बजाय वृद्धि हुई है, जबकि क्षेत्रीय आतंकवादी हमलों में भी इजाफा देखा जा रहा है। सूडान और कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य के पूर्वी हिस्से की स्थिति का प्रभाव क्षेत्र पर स्पष्ट रूप से दिख रहा है, जिससे क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता के लिए अनिश्चितता की स्थिति पैदा हो गई है।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को इन देशों को उनकी स्वतंत्र आतंकवाद-रोधी क्षमताओं को मजबूत करने में मदद करनी चाहिए। इसमें वित्तीय निवेश, खुफिया जानकारी साझाकरण और क्षमता निर्माण जैसे क्षेत्रों में समर्थन बढ़ाना शामिल है, ताकि क्षेत्र में एक ठोस सुरक्षा रेखा स्थापित की जा सके।

उप प्रतिनिधि ने आगे कहा कि सशस्त्र संघर्षों और प्रतिकूल मौसम जैसे कारकों के कारण क्षेत्र की मानवीय स्थिति बिगड़ गई है। शरणार्थियों और विस्थापितों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है और मानवीय सहायता के वित्तपोषण में भारी कमी देखी जा रही है।

उन्होंने पारंपरिक दानदाताओं से आग्रह किया कि वे क्षेत्र के देशों को इन कठिनाइयों से उबरने में मदद करने के लिए सहायता कम करने के बजाय बढ़ाएं। इसके अतिरिक्त, उन्होंने बताया कि मध्य अफ्रीका के कुछ देश अभी भी उच्च घाटे, ऋण और मुद्रास्फीति की समस्याओं का सामना कर रहे हैं, जिससे विकास संबंधी चुनौतियां प्रमुख बनी हुई हैं।

सुन ने इस बात पर बल दिया कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को क्षेत्रीय देशों को अपनी अर्थव्यवस्थाओं को विकसित करने और लोगों की आजीविका में सुधार लाने में अपना समर्थन बढ़ाना चाहिए। इसमें रोजगार सृजन और गरीबी उन्मूलन में अधिक सहायता प्रदान करना शामिल है, साथ ही क्षेत्रीय देशों को उनकी विशिष्ट राष्ट्रीय परिस्थितियों के अनुकूल विकास पथ तलाशने और आर्थिक सुधार तथा स्थिर विकास हासिल करने में सहायता करनी चाहिए।

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

--आईएएनएस

एबीएम/

Advertisment

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

      
Advertisment